Mahoba: सकुशल वापस लौटी यूक्रेन में फंसी महोबा की अंशिका, परिवार में खुशी की लहर

Mahoba: यूक्रेन में फंसी महोबा की छात्रा अंशिका सकुशल अपने घर वापस लौट आई है।

Imran Khan
Report Imran KhanPublished By Vidushi Mishra
Published on: 4 March 2022 9:31 AM GMT
Mahoba student Anshika returned from Ukraine
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यूक्रेन से लौटी महोबा की छात्रा अंशिका 

Mahoba: यूक्रेन और रूस में चल रहे युद्ध के बीच फंसी महोबा की छात्रा अंशिका सकुशल अपने घर वापस लौट आई है। अपनी बेटी के सकुशल वापस लौटने पर मां-बाप में खासी खुशी है। भारत सरकार के द्वारा वतन वापसी कराए जाने को लेकर प्रशंसा जाहिर भी की गई। घर वापस लौटी छात्रा ने यूक्रेन के हालातों के बारे में भी बताया वही यह भी बताया कि कैसे उसे समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन सरकार के साहसपूर्ण कार्य से वह वापस अपने घर लौटी है।

देर सही मगर सरकार ने छात्रों को वापस लाने में तेजी दिखानी शुरू कर दी है और छात्रों के वापस आने का सिलसिला भी तेज हो गया। वहीं यूक्रेन में फंसी महोबा की छात्रा अंशिका भी वापस अपने घर लौट आई है। भारत सरकार की तरफ से छात्रा को सकुशल उसके घर महोबा भेजा गया है। बेटी के सकुशल घर आने पर परिजनों में खुशी है।

परिवार में खुशी की लहर

आपको बता दें कि आलमपुरा मोहल्ले में रहने वाले सुरेश सिंह वर्तमान में फर्रुखाबाद जनपद में चकबंदी अधिकारी के पद पर तैनात हैं उनकी पुत्री अंशिका 24 जनवरी को महोबा से यूक्रेन एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गई थी, लेकिन यूक्रेन में युद्ध के हालात पैदा होने से उसके माता पिता, भाई उसकी सलामती को लेकर परेशान थे।

बीते फरवरी में जैसे ही हालात खराब होने की जानकार अंशिका को यूक्रेन में लगी तो उसने अपने परिजनों से घर वापस आने की इच्छा जताई लेकिन अंशिका बताती है कि फ्लाइट का किराया अधिक होने के कारण उसे इंतजार करना पड़ा और अचानक यूक्रेन पर रूस का हमला भी हो गया।

वह बताती है कि व्यवस्थाओं को जुटाने के लिए उसने अपने पैसे एक्सचेंज कराएं खाने पीने का सामान लिया और किसी तरीके से अपने आप को हॉस्टल में ही सुरक्षित रखा। वह बताती है कि यूक्रेन के हालात लगातार खराब हो रहे थे ऐसे में उन्हें भी डर सता रहा था लेकिन सरकार ने पहल की और उन्हें वापस घर आने को मिला है।

अंशिका बताती है कि वह उजग्रोथ यूनिवर्सिटी में थी जहां से तकरीबन 240 भारतीय छात्र 5 बसों से हंगरी बॉर्डर पहुंचे जहां उन्हें तकरीबन 9 घंटे तक फंसे रहना पड़ा। उसके बाद भारत सरकार द्वारा निशुल्क फ्लाइट की व्यवस्था की गई जिससे सभी लोग दिल्ली पहुंचे और अपने अपने घर आ गए हैं।

दूर हुई परिवार की चिंता

अंशिका बताती है यूक्रेन में उन्हें सबसे ज्यादा खाने पीने की व्यवस्था के लिए परेशान होना पड़ा और सुरक्षा को लेकर भी सभी चिंतित रहे। उसे डर सता रहा था कि कहीं कोई अनहोनी यूक्रेन में ना हो जाए। मगर उन्हें भारत सरकार पर यकीन था और उन्हीं की पहल से वह अपने घर वापस आ सकी है।

वहीं परिवार के लोग भी चिंतित थे। अंशिका की मां सदाप्यारी बताती है कि वह रोजाना अपनी बेटी से बात किया करती थी और बेटी अपनी मां को हिम्मत रखने की बात कह कर समझाया करती थी। छात्रा अंशिका की मां ने भारत सरकार के साहसपूर्ण और नेक कार्य की प्रशंसा की और अपील की है कि उसकी बेटी की ही तरह अभी भी फंसे अन्य भारतीय छात्र छात्राओं को सरकार जल्द से जल्द वापस ले आए।

आपको बता दें कि महोबा के 6 छात्र यूक्रेन में फंसे थे जिनमें अंशिका को मिलाकर अभी तक 5 लोगों की वापसी हो चुकी है। अभी भी पनवाड़ी गांव के ग्राम प्रधान संजय द्विवेदी का पुत्र राज द्विवेदी हंगरी सीमा पर फंसा हुआ है। जिसके वापस आने की राह परिवार तक रहा है।

Vidushi Mishra

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