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Mahoba News: आयुष विभाग निदेशक ने निर्माणाधीन होम्योपैथिक भवन व स्वास्थ्य सेवाओं का किया निरीक्षण
Mahoba News: आयुष विभाग के निदेशक ने अपने दो दिवसीय दौरे में होम्योपैथिक अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत को जाना, निर्माणाधीन होम्योपैथिक भवन का किया निरीक्षण, जर्जर और किराए के भवन में चल रहे अस्पतालों की रिपोर्ट शासन को भेजेंगे।
Mahoba News: लखनऊ से अपने दो दिवसीय दौरे पर आए आयुष विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर एके वर्मा ने होम्योपैथिक अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानी। इस दौरान निर्माणाधीन होम्योपैथिक भवन का भी निरीक्षण किया और कार्यदायी संस्था को जल्द से जल्द गुणवत्ता के साथ कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उनके द्वारा होम्योपैथिक अस्पतालों का भी निरीक्षण किया गया और किराए के और जर्जर भवनों में चल रहे अस्पतालों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट करने के संबंध में विभागीय जानकारी भी ली गई, जिसे शासन को भेजा जाएगा। इतना ही नहीं उन्होंने अभिलेखों का अवलोकन किया और दवा स्टॉक आदि की भी जांच की।
दरअसल आपको बता दें कि आयुष विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर एके वर्मा होम्योपैथिक अस्पतालों में आम जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही अस्पतालों के लिए भवन आदि व्यवस्थाओं को देखने लखनऊ से अपने दो दिवसीय दौरे पर महोबा पहुंचे। जहां सबसे पहले उन्होंने कानपुर-सागर हाईवे पर 1 करोड़ 44 लाख रुपये की लागत से निर्माणाधीन होम्योपैथिक भवन का बारीकी से निरीक्षण किया, जिसका काम अंतिम चरण में चल रहा है। उन्होंने पाई गई कमियों को सुधारने के निर्देश भी दिए और कार्यदायी संस्था को परिसर में वृक्षारोपण करने को भी कहा। उन्होंने जिले में बने सभी 11 अस्पतालों का भी निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने जिला अस्पताल परिसर में स्थित जिला होम्योपैथिक कार्यालय का निरीक्षण किया और रजिस्टरों का रख-रखाव, दवाओं का स्टॉक, मरीज पंजीकरण फाइलें आदि भी देखीं।
इस दौरान उन्होंने बताया कि वह जिले में बने होम्योपैथिक अस्पतालों की व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत देखने आए हैं और इस दौरान उन्होंने इस बात पर खुशी भी जताई कि लोग लगातार होम्योपैथिक इलाज पर भरोसा कर रहे हैं। यही वजह है कि बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 24 अप्रैल से नवंबर तक 94 हजार 800 मरीज देखे गए हैं जिन्हें यहां बेहतर इलाज मिला है। जांच के दौरान पाया गया कि अस्पतालों में होम्योपैथिक दवाइयां भरपूर मात्रा में उपलब्ध हैं। इस दौरान उन्होंने सभी को निर्देश दिए कि आम नागरिकों को जागरूक करने और मरीजों के इलाज के लिए सार्वजनिक स्थानों पर कैंप लगाकर होम्योपैथिक दवाइयां वितरित करें।
उन्होंने कहा कि यह दवाइयां किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और उनकी बीमारी को जड़ से खत्म करने का काम करती हैं। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक की तथा बताया कि लखनऊ से ही उपस्थिति की निगरानी की जा रही है, यदि कोई अनुपस्थित या कार्य में लापरवाही करता पाया गया तो उसका वेतन भी काटा जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में 11 होम्योपैथिक अस्पताल हैं तथा 10 होम्योपैथिक चिकित्सक तैनात हैं। जो अस्पताल किराए के भवन या जर्जर भवन में चल रहे हैं उनके संबंध में शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है ताकि ऐसे अस्पतालों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में शिफ्ट किया जा सके। निरीक्षण के दौरान डॉ. पंकज सक्सेना, राम सिंह, छोटेलाल, डीपीएम अमित देवरिया आदि मौजूद रहे।