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Mahoba News: बुंदेलखंड के पत्थर उद्योग पर संकट, कबरई-कानपुर एनएच से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर वाहनों के डायवर्जन से व्यापारियों में रोष
Mahoba News: ट्रकों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है। इस फैसले से पत्थर मंडी कबरई में ट्रकों की आवक कम हो गई है। क्रेशर उद्योग इससे प्रभावित हुआ है।
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Mahoba News: खनन उद्योग कल्याण समिति ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। प्रशासन ने सात मार्च 2025 से कबरई-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है। जिससे पत्थर मंडी के क्रेशर पत्थर कारोबार पर विपरीत प्रभाव पड़ने से कारोबारी चिंतित है।
आपको बता दें कि ट्रकों को बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरफ डायवर्ट किया जा रहा है। इस फैसले से पत्थर मंडी कबरई में ट्रकों की आवक कम हो गई है। क्रेशर उद्योग इससे प्रभावित हुआ है। खनन उद्योग कल्याण समिति के सदस्य बताते है कि खनन कारोबारी पिछले 35-40 वर्षों से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। बुंदेलखंड का यह एकमात्र प्रमुख उद्योग है जो सरकार को 700-800 करोड़ रुपये का राजस्व देता है।
इससे लाखों स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलता है। नए रूट से कानपुर, लखनऊ, रायबरेली और पूर्वांचल के जिलों तक पहुंचने के लिए ट्रकों को 150-200 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ेगी। इससे प्रति ट्रक 15,000 से 20,000 रुपए का अतिरिक्त खर्च आएगा। यह बढ़ी हुई लागत खनिज के दामों को प्रभावित करेगी। व्यापारियों ने मुख्यमंत्री से गिट्टी, बोल्डर और बजरी के परिवहन को पुराने रूट यानी कबरई-कानपुर एनएच से जारी रखने की मांग की है। उनका कहना है कि नया रूट उद्योग के लिए नुकसानदायक साबित होगा।