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Mahoba: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री को ये युवती बनाना चाहती है जीवनसाथी, कर रही तपस्या...कलश ले निकली यात्रा पर

Mahoba News: बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के रूप में मनचाहा वर पाने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस की एक छात्रा बड़ी तपस्या कर रही है। वो गंगोत्री से बागेश्वरधाम गंगा कलश लेकर निकली है।

Imran Khan
Published on: 13 Jun 2023 11:28 PM IST (Updated on: 13 Jun 2023 11:29 PM IST)
Mahoba: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री को ये युवती बनाना चाहती है जीवनसाथी, कर रही तपस्या...कलश ले निकली यात्रा पर
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शिवरंजनी तिवारी

Mahoba News: बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री के रूप में मनचाहा वर पाने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस की एक छात्रा बड़ी तपस्या कर रही है। वो गंगोत्री से बागेश्वरधाम गंगा कलश लेकर निकली है। मंगलवार को ये छात्रा शिवरंजनी महोबा पहुंची और इसको देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा रही।

शास्त्रों में तपस्या से मनचाहा वर पाने के उल्लेख से हुई प्रेरित

सनातन धर्म में तप और तपस्या से मनचाहा वर पाने का उल्लेख धर्म शास्त्रों में मिलता है। लेकिन इस कलयुग में गंगोत्री से बागेश्वर धाम सिर पर गंगा कलश लेकर पैदल जा रही शिवरंजनी तिवारी, पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन की लालसा रखती है। जिन्हें अपना प्राणनाथ मान चुकी शिवरंजनी इस भीषण गर्मी में तमाम दुश्वारियां के बीच महोबा पहुंचीं। जहां से बागेश्वर धाम की दूरी मात्र 80 किलोमीटर ही रह जाती है। महोबा पहुंचते ही शिवरंजनी तिवारी का जगह-जगह भक्तों द्वारा स्वागत किया गया। वहीं महिलाएं भी मंगल गीत गाकर उन्हें आशीर्वाद दे रही हैं।

पं. धीरेंद्र शास्त्री से विवाह की रखती हैं इच्छा

16 जून को शिवरंजनी कलश यात्रा को लेकर बागेश्वर धाम पहुंचेगी। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को अपना प्राणनाथ कहने वाली शिवरंजनी उनसे विवाह करने की इच्छा रखती हैं। उन्होंने इस दौरान उन्होंने शायरी के अंदाज में कहा कि ‘जब तक बिका न था कोई पूछता न था, आपने खरीद कर मुझे अनमोल कर दिया।’

MBBS छात्रा के साथ ही कथावाचक भी हैं शिवरंजनी

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से विवाह करने की इच्छा रखने वाली एमबीबीएस की छात्रा और कथावाचक शिवरंजनी तिवारी गंगोत्री से सिर पर गंगाजल का कलश लेकर पैदल ही मध्य प्रदेश के चर्चित बागेश्वर धाम जा रही हैं। तकरीबन 1150 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए इस भीषण गर्मी में शिवरंजनी अपने पिता और भाई के साथ बुंदेलखंड के महोबा पहुंची हैं। जहां पर जगह-जगह भक्तों द्वारा उनका स्वागत किया जा रहा है। एक दिन अपने भक्त के घर में रुककर शिवरंजनी फिर से 48 डिग्री तापमान में पैदल ही अपने प्राणनाथ के दर्शन के लिए चल पड़ी हैं।

'बागेश्वर सरकार की जय' बोलते हुए चल दीं यात्रा पर

गंगा कलश की पूजा विधि विधान से करने के बाद शिवरंजनी तिवारी ने बागेश्वर धाम सरकार की जय के साथ-साथ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की जय बोलते हुए अपनी यात्रा के लिए निकल पड़ी है। जहां-जहां वह पहुंच रही हैं, वहां महिलाओं और भक्तों की भीड़ इकट्ठा हो जाती है। शिवरंजनी की मंशा पंडित धीरेन्द्र शास्त्री से विवाह करने की है और वह उन्हें अपना प्राणनाथ बताती हैं। सनातन धर्म में अपना मनचाहा वर पाने के लिए तपस्या का वर्णन है ऐसे में इस कलयुग की भीषण गर्मी में शिवरंजनी तिवारी की लंबी यात्रा को किसी तपस्या से कम आंकना गलत होगा।

पिता और भाई भी हैं यात्रा में साथ

मूल रूप से सिवनी मध्य प्रदेश की रहने वाली शिवरंजनी तिवारी अपने पिता और भाई के साथ इस पदयात्रा में निकली है। जिसका मकसद सिर्फ और सिर्फ पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दर्शन और उनसे विवाह करने की मंशा है। पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का नाम आते ही उनके चेहरे पर मासूम सी मुस्कान दिखाई पड़ती है। उन्होंने संदेश दिया कि सभी लोग बालाजी सरकार बागेश्वर धाम से जुड़े। इस बीच शिवरंजनी तिवारी ने बताया कि उनके सफर में कठिनाइयां भी सामने आई हैं। जब भी कोई शुभ कार्य होता है तो उसमें कठिनाइयाँ और चुनौतियां होना स्वाभाविक है। ऐसे में उनके इस शुभ कार्य में भी तमाम कठिनाइयां सामने आई हैं, जिन्हें पारकर वह बुंदेलखंड के महोबा तक आ गई हैं। जहां से बागेश्वर धाम की दूरी ज्यादा नहीं रह गई है।

एक मई से शुरू हुई इस पदयात्रा में गंगोत्री में ही ग्लेशियर फट जाने से उन्हें पहली दिक्कत उठानी पड़ी तो वहीं उसके बाद भीषण गर्मी ने उनका रास्ता रोका लेकिन यह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ही लगन है कि वह अब महोबा तक आ गई हैं। उन्होंने कहा कि इस तपस्या के फल मुझे मिलना शुरू हो गए हैं। रास्ते में जगह-जगह साधु संतों के आशीर्वाद मिल रहे हैं। एक से दो होने के आशीर्वाद मिलने से वह उत्साहित हैं। बागेश्वर धाम से जुड़े भक्तों द्वारा जगह-जगह उनका स्वागत किया जा रहा है।

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