TRENDING TAGS :
Mahoba News: अधिवक्ता की हत्या का विरोध, महोबा में भी वकीलों ने प्रदर्शन कर दिया अल्टीमेटम
Mahoba News: बता दें कि उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में 3 सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मोहिनी तोमर का अपहरण कर हत्यारों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था।
Mahoba News: कासगंज में एक महिला अधिवक्ता का अपहरण कर हत्या किए जाने के मामले में महोबा के अधिवक्ताओं में आक्रोश है। सड़क पर उतरे वकीलों ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया और 48 घंटे के अंदर महिला अधिवक्ता के हत्यारों को गिरफ्तार कर कार्यवाही किए जाने की मांग की गई। साथ ही मृतका के परिवार को एक करोड़ रुपए सहायता राशि दिए जाने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है। वकीलों का आक्रोश कलेक्ट्रेट में साफ देखने को मिला, जहां सभी ने न्याय दो-न्याय दो की नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया और सरकार से जल्द से जल्द अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट लागू जाने की मांग की है।
दरअसल आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कासगंज जनपद में 3 सितंबर को महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की निर्मम हत्या कर दी गई थी। मोहिनी तोमर का अपहरण कर हत्यारों ने हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। जिसको लेकर देश भर में अधिवक्ता आक्रोशित हैं और यही वजह है कि महोबा में राज्य विधिक परिषद के निर्देश पर जिला अधिवक्ता समिति के जिला अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकीत खान के नेतृत्व में इकट्ठा हुए वकीलों ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर प्रदर्शन किया है। कलेक्ट्रेट में अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। अधिवक्ता के हत्यारों को फांसी दो फांसी दो की नारेबाजी की गई। सभी अधिवक्ता कासगंज में महिला अधिवक्ता की हत्या से क्षुब्ध दिखाई दिए। अक्रोशित अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्रेट में पहुंचकर डीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी की।
जिसके बाद मुख्यमंत्री को एक संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी को सौंपा गया। इस ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा कि महिला वकील के हत्यारों को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया जाए और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। इसके अलावा मृतक के परिवार को एक करोड रुपए आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग अधिवक्ताओं ने की है। जिला अधिवक्ता समिति के जिला अध्यक्ष इंद्रपाल सिंह और वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकीत खान ने कहा कि अधिवक्ता लंबे समय से अधिवक्ता प्रोटेक्शन एक्ट की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर काम नहीं किया जा रहा। यदि अधिवक्ता प्रोडक्शन एक्ट लागू होता तो अधिवक्ताओं की हत्याओं और हमलों में कमी आती और उनकी सुरक्षा हो सकती थी। मगर अभी तक इस पर अमल नहीं किया गया। इस प्रदर्शन के माध्यम से सभी अधिवक्ता मुख्यमंत्री से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने की भी मांग करते दिखाई दिए।