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Mahoba News: सुभाष नगर में सड़क खस्ताहाल, स्कूली बच्चों को हो रही भारी परेशानी, कई हुए चोटिल, जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

Mahoba News: मोहल्ले वासियों का कहना है कि अगर सड़क नहीं बनी तो वे मजबूर होकर अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे। मोहल्ले के निवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क निर्माण की अपील की है।

Imran Khan
Report Imran Khan
Published on: 23 Jan 2025 12:54 PM IST
Mahoba News
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सुभाष नगर में सड़क खस्ताहाल   (photo: social media )

Mahoba News: शहर के सुभाष नगर मोहल्ले में खराब सड़कों की समस्या ने निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। खासतौर पर स्कूली बच्चों को इस खस्ताहाल सड़क के कारण भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने के लिए इन बच्चों को न केवल अतिरिक्त आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है, बल्कि आए दिन दुर्घटनाओं का भी डर सताता रहता है।

आये दिन चोटिल हो रहे बच्चे

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की छात्रा करिश्मा ने बताया कि साइकिल से स्कूल जाना बहुत खतरनाक हो गया है। सड़क की हालत इतनी खराब है कि आए दिन बच्चे गिर जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं। ऐसे में मजबूर होकर हमें रिक्शा से स्कूल जाना पड़ता है, जिसके लिए रोज़ाना 50 रुपए खर्च करना पड़ता है। उन्होंने कहा, "हम गरीब परिवार से हैं। हमारे माता-पिता के लिए पढ़ाई का खर्च और रिक्शा का किराया देना मुश्किल हो रहा है। वहीं स्थानीय निवासी कामता प्रसाद कुशवाहा ने बताया कि मोहल्ले के लोग इस समस्या को लेकर कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उन्होंने कहा, सड़क की स्थिति इतनी खराब है कि बारिश के दिनों में यहां चलना नामुमकिन हो जाता है। अब तो स्थिति यह हो गई है कि लोग अपने बच्चों को स्कूल भेजने से भी डरने लगे हैं।


जिम्मेदारों ने आँखें मूंदी

सुभाष नगर के निवासियों ने सड़क की समस्या को लेकर कई बार आवाज उठाई है लेकिन जिम्मेदारो ने कोई ठोस कदम नहीं उठाए । उन्होंने मांग की कि जल्द से जल्द इस सड़क का निर्माण कराया जाए। मोहल्ले वासियों का कहना है कि अगर सड़क नहीं बनी तो वे मजबूर होकर अपने बच्चों को स्कूल भेजना बंद कर देंगे। मोहल्ले के निवासियों ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क निर्माण की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान न केवल बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि मोहल्ले के सभी निवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए भी आवश्यक है। सुभाष नगर की यह समस्या लापरवाही का एक उदाहरण है। बच्चों की शिक्षा और नागरिकों की बुनियादी जरूरतों को नजरअंदाज करना प्रशासन की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर क्या कदम उठाता है और कब तक इस समस्या का समाधान होता है।





Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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