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Mahoba News: जिला अस्पताल के वार्डों में आवारा कुत्तों का आतंक, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से कुत्ते बने मरीजों की परेशानी का कारण, संक्रमण फैलने का भी डर
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल अव्यवस्थाओं के चलते आए दिन चर्चा में बना रहता है। अब जिला अस्पताल आवारा कुत्तों की आरामगाह बनता जा रहा है। जिला अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए यह आवारा कुत्ते खतरा बने हुए है।
Mahoba News: महोबा जिला अस्पताल परिसर और वार्डों घूमते कुत्तों से मरीजों में डर बना रहता है। जिला अस्पताल आवारा कुत्तों की आरामगाह बना है। अस्पताल में कुत्तों का इस कदर आतंक है कि यहां भर्ती मरीज और तीमारदार खासे परेशान हैं। अस्पताल के वार्डों में घूमते आवारा कुत्तों का वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। कुत्तों का झुंड वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए खतरा बने है और मरीजों को संक्रमण फैलने का डर भी मरीजों सता रहा है। शिकायतों के बावजूद भी अस्पताल प्रशासन इस पर कोई ध्यान नहीं दे रह
महोबा जिला अस्पताल आए दिन बदइंतजामी के चलते सुर्खियों में रहता है। अब जिला अस्पताल आवारा कुत्तों की आरामगाह बनता जा रहा है. जिला अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए ये आवारा कुत्ते खतरा बने हुए हैं. एक नहीं, दो नहीं बल्कि कुत्तों का झुंड वार्डों के अंदर घूमता हुआ कैमरे में कैद हुआ है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है. ये आवारा कुत्ते जहां भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं, वहीं इन कुत्तों से मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा भी बना हुआ है। ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी अस्पताल में आवारा कुत्तों का आतंक देखने को मिल चुका है, लेकिन इसके बावजूद जिम्मेदार लोग इसका स्थाई समाधान नहीं निकाल पा रहे हैं। यही वजह है कि जिला अस्पताल के वार्डों में आवारा कुत्तों को आप आसानी से घूमते हुए देख सकते हैं।
उत्तर प्रदेश के कई शहरों में पहले भी आवारा कुत्तों द्वारा लोगों को काटे जाने के मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन इससे कोई सबक नहीं ले रहा है. ऐसे में जिला अस्पताल के कई वार्डों में आवारा कुत्तों के घूमने का वीडियो सामने आने पर अस्पताल प्रशासन की व्यवस्थाओं की भी पोल खुल गई है। जिला अस्पताल के वार्ड नंबर एक और दो में भर्ती मरीजों के बेड के नीचे और वार्डों के अंदर घूम रहे आवारा कुत्तों का झुंड यहां भर्ती मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं। अस्पताल के वार्डों में अक्सर आवारा कुत्ते नजर आते हैं, जबकि जिला अस्पताल में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक भर्ती हैं। ऐसे में ये आवारा कुत्ते कभी भी मरीजों के लिए खतरा बन सकते हैं।
जिला अस्पताल में बरती जा रही लापरवाही से मरीजों और उनके तीमारदारों में भी आक्रोश है। अस्पताल के वार्ड में भर्ती भीतरकोट मोहल्ला निवासी शरीफ का कहना है कि वह पीलिया और टाइफाइड की वजह से जिला अस्पताल में भर्ती है, लेकिन यहां वार्ड के अंदर घूम रहे कुत्तों से उसे डर लगता है, जबकि अस्पताल का स्टाफ कई बार आता-जाता है लेकिन आवारा कुत्तों को भगाने का काम कोई नहीं करता। मरीजों को खुद ही कुत्तों को भगाना पड़ता है और उन्हें डर रहता है कि कहीं कोई आवारा कुत्ता उन्हें न काट ले। पिपरामाफ गांव निवासी राजेंद्र व दीपक कुमार प्रजापति ने बताया कि वह अपने भाई को डेंगू बुखार होने पर इलाज कराने अस्पताल आए थे। जिस वार्ड में वह भर्ती है, वहां आए दिन कुत्ते घूमते नजर आते हैं, जिससे डर बना रहता है कि कहीं कुत्ता हमला न कर दे। अस्पताल के वार्ड में कुत्तों के घुसने से मरीजों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।