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Mahoba News: यमराज बनी सड़कों पर घूम रही बिना फिटनेस परमिट के बसें, 39 बसों का एक ही मालिक

Mahoba News: जांच के दौरान पाया गया कि दुर्घटनाग्रस्त बस 'यूपी 95 टी 4729' महोबा जिले के एआरटीओ में दर्ज है। एक के बाद एक जांच की परतें खुली तो एक बड़े नटवरलाल का नाम सामने आया। जिसके नाम 39 बसें दर्ज़ हैं।

Imran Khan
Report Imran Khan
Published on: 10 July 2024 10:05 PM IST
Mahoba News: यमराज बनी सड़कों पर घूम रही बिना फिटनेस परमिट के बसें, 39 बसों का एक ही मालिक
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Mahoba News: उत्तर प्रदेश के जनपद उन्नाव में दुर्घटनाग्रस्त हुई बस में 18 यात्रियों की मौत की घटना के बाद शासन हरकत में आ गया है। जांच के दौरान पाया गया कि दुर्घटनाग्रस्त बस 'यूपी 95 टी 4729' महोबा जिले के एआरटीओ में दर्ज है। एक के बाद एक जांच की परतें खुली तो एक बड़े नटवरलाल का नाम सामने आया। जिसके नाम 39 बसें दर्ज़ हैं, जिसमे 35 बसों का तो फिटनेस और परमिट ही नहीं है। ये बसें सड़कों पर यमराज बनकर दौड़ रही हैं।

जांच में जब ये बात सामने आई तो यह देख विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया और दुर्घटना की कड़ी जोड़ते हुए ट्रैवल्स एजेंसी के मालिक, ठेकेदार और उक्त नटवरलाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज़ करने के लिए पुलिस को तहरीर दी गई है। इस हादसे के बाद पता चला कि बुन्देलखण्ड के महोबा से लेकर दिल्ली और बिहार तक बस माफियाओं द्वारा एक सिंडीकेट बनाकर बसों का संचालन किया जा रहा है।

आरटीओ उदयवीर सिंह: Photo- Newstrack

बस संचालन के बड़े सिंडिकेट का खुलासा

उन्नाव बस हादसे में महोबा की दर्ज़ बस दुर्घटनाग्रस्त होने से चल रहे बस संचालन के बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ है। जिसमे विभागीय अधिकारियों की साठगांठ से इंकार नहीं किया जा सकता।


उन्नाव में घटित बस हादसे में 18 लोगों की मौत

आपकों बता दें कि उन्नाव में घटित बस हादसे में 18 लोगों की मौत हुई है और ये बस बिना फिटनेस, परमिट के सड़क पर दौड़ रही थी। नतीजन उन्नाव हादसे में 18 लोगों की जिन्दगी खत्म हो गईं । जांच में उक्त दुर्घटनाग्रस्त बस महोबा जिले के खन्ना थाना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी पुष्पेंद्र सिंह के नाम अस्थाई पते पर दर्ज पाई गई।

शासन से जानकारी मिलने पर मंडल के आरटीओ उदयवीर सिंह अपनी दो सदस्यीय टीम के साथ महोबा आईटीओ विभाग पहुंचे और उन्होंने जब दस्तावेजों को खंगाला तो वह भौचक के रह गए कि कैसे एक ही व्यक्ति पुष्पेंद्र के नाम पर 39 बस है। ये बसें महोबा एआरटीओ विभाग में दर्ज हैं जो दिल्ली, बिहार, जोधपुर राजस्थान सहित कई इलाकों पर बिना फिटनेस, परमिट के सड़कों पर दौड़ रही है।

विभाग गंभीर होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता

वर्ष 2018–19 में दर्ज यह सभी बसों की फिटनेस को लेकर यदि विभाग गंभीर होता तो शायद इतना बड़ा हादसा ना होता। सवाल यह भी है कि इतनी बसें बिना फिटनेस के कैसे दौड़ रही थी और अब तक इस पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई। इससे इतना तो साफ़ होता है कि विभागीय अधिकारियों की सांठगांठ से बसों का सिंडीगेंट का कारोबार चल रहा है। मण्डल आरटीओ उदय वीर सिंह ने बताया कि ऐसी सभी बसों को चिन्हित किया जा रहा है जो अस्थाई पते के नाम पर गलत तरीके से दर्ज़ हैं। जिनकी सभी फाइलें मण्डल मुख्यालय में मौजुद है जिसकी जॉच के लिए एक टीम बनाई गई है जो ऐसी बसों का डाटा एकत्र कर उन बसों पर कार्यवाही करने का काम करेंगी ।

पुष्पेन्द्र के नाम दर्ज़ 39 बसें

वही दूसरी तरफ़ पुष्पेन्द्र के नाम दर्ज़ 39 बसों डाटा एकत्र कर एआरटीओ दयाशंकर जांच करने में जुट गए है । जिसमे 35 बसों की फिटनेस और परमिट न पाए जाने पर 3 माह के लिए सभी का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया गया यहीं नहीं ट्रैवल एजेंसी एम.एस. के.सी. जैन मालिक जोधपुर राजस्थान निवासी करम चंद जैन, बस संचालक ठेकेदार पहाड़गंज मध्य दिल्ली निवासी चंदन जैसवाल और रजिस्ट्रेशन अस्थाई पता दिखाकर बसों को संचालित करने वाले नटवरलाल पुष्पेन्द्र सिंह के खिलाफ़ शहर कोतवाली में नामजद तहरीर दी गई है। वहीं एआरटीओ दयाशंकर ने बताया कि मैने आज ही कार्यालय ज्वाइन किया है ऐसे में जानकारी प्राप्त हुई है कि और भी तमाम बस ऐसी है जो दस्तावेजों में हेराफेरी कर महोबा एरआरटीओ कार्यालय में दर्ज है, जिसकी जांच करा कर कार्यवाही की जाएगी।


पुष्पेन्द्र सिंह फरार

जब इस मामले में केयर ऑफ में पुष्पेंद्र सिंह नामक व्यक्ति के नाम पर दर्ज कई बसों के पते की हकीकत जानने उसके पैतृक गांव मवई खुर्द पहुंचे तो पता चला कि वह वर्षों से यहां निवास नहीं करता बल्कि उसके माता-पिता और अन्य परिजन गरीबी की जिंदगी जी रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ वह खुद कबरई कस्बे में दो मंजिला इमारत में आलीशान जिन्दगी जी रहा है। जबकि घटना के बाद से पुष्पेन्द्र सिंह फरार बताया जा रहा है। उसके पिता इंद्रपाल ने बताया कि उसके घर में अक्सर बसों के कागज आया करते थे लेकिन उसे नहीं पता कि उसके पुत्र के नाम पर कैसे और कितनी बसे दर्ज है। वह खुद यह सुनकर हैरत में है तो वहीं आसपास के ग्रामीण भी यह जानकारी सुनकर दंग रह गए।

यूपी की सड़कों पर यमराज बनी बसें दौड़ रही हैं

बहरहाल उन्नाव कांड ने टूरिस्ट परमिट की आड पर बिना फिटनेस परमिट के सड़कों पर दौड़ रही यमराज बनी बसों का सिंडिकेट खोलकर रख दिया है, लेकिन अब जरूरत है इस मामले की तह तक जाने की ताकि इसमें जुड़े विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ बड़े नटवरलालों की पहचान हो सके।

Shashi kant gautam

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