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Mahoba News: डॉक्टर के इंजेक्शन से महिला की मौत, गलत इलाज का आरोप, परिजनों ने किया हाईवे जाम
Mahoba News: एक सप्ताह के भीतर इस तरह की दूसरी घटना होने से जिले में गैरकानूनी तरीके से चल रहे अस्पतालों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
Mahoba News: महोबा जिले में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान एक महिला मरीज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने कर परिजनों में कोहराम मच गया। डॉक्टर पर गलत इलाज और इंजेक्शन लगाए जाने से मौत होने का आरोप लगाया है। आक्रोशित परिजनों ने थाने के बाहर हाइवे पर जाम लगा दिया और आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की मांग की जा रही है। एक सप्ताह के भीतर इस तरह की दूसरी घटना होने से जिले में गैरकानूनी तरीके से चल रहे अस्पतालों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की कार्य शैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
दरअसल आपको बता दें कि जिले के महोबकंठ थाना क्षेत्र के रूरीकलां गांव निवासी लाल दीवान अपनी 35 वर्षीय पत्नी गोमती के बुखार आने पर उसे इलाज के लिए महोबकंठ इलाके में संचालित निजी अस्पताल में डॉक्टर अमृतलाल निरंजन को दिखाने के आए। लाल दीवान ने बताया कि जैसे ही डॉक्टर ने गोमती को इंजेक्शन लगाया, उसकी हालत और बिगड़ गई और वहीं पर उसकी मौत हो गई। आरोप है कि महिला की मौत होने के बावजूद भी डॉक्टर ने हालत गंभीर बताते हुए उसे अच्छे इलाज के लिए कहकर अपनी ही गाड़ी में डालकर झांसी ले गए मगर जब झांसी पहुंचे डॉक्टरों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया। झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते हुई विवाहिता की मौत से परिवार में मातम मचा है। इस घटना से मृतका का परिवार गहरे सदमे में है।
डॉक्टर की लापरवाही
लाल दीवान का आरोप है कि डॉक्टर की लापरवाही और गलत इंजेक्शन लगाए जाने के कारण ही उसकी पत्नी की जान गई है। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ तहरीर देकर गिरफ्तारी की मांग की। आरोपी डॉक्टर पर तत्काल कार्यवाही न होने पर आक्रोशित थाने के बाहर की हाइवे सड़क में बैठ गए और जाम लगा दिया। परिजनों द्वारा आरोपी डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग को लेकर आक्रोश जताया जा रहा है। जहां पुलिस द्वारा समझाने का प्रयास किया जा रहा है।
झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी अस्पतालों की जांच
आपको बता दें कि हाल ही में स्वास्थ्य विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर राजेश मोहन गुप्ता ने महोबा जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण कर जिले में संचालित झोलाछाप डॉक्टर और फर्जी अस्पतालों की जांच की बात कही थी। ज्वाइंट डायरेक्टर स्वास्थ्य ने ऐसे अस्पतालों पर कार्यवाही करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए थे , लेकिन महोबा जिले में स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता के चलते कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में झोलाछाप डॉक्टरों और गैरकानूनी तरीके से संचालित निजी अस्पतालों का जाल तेजी से फैल रहा है। क्षेत्र में गली-मोहल्लों और गाँवों में झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम क्लिनिक चला रहे हैं और गैरकानूनी तरीके से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। शिकायत के बाबजूद स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस मामलों को गंभीरता से नहीं लिया गया जिसकी वजह से आज गोमती की भी मौत हो गई।
बीते 5 दिनों में यह दूसरी घटना है जिसमें एक और महिला की अवैध रूप से संचालित अस्पताल में डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान मौत हो गई। इन घटनाओं ने प्रशासन की निष्क्रियता और गैर-जिम्मेदाराना रवैये को उजागर कर दिया है। जल्द ही इन डॉक्टरों पर कार्यवाहीं नहीं की गई तो ऐसे ही इलाज के नाम पर जिंदगियों से खिलवाड़ का सिलसिला चलता रहेगा।