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Mainpuri By Election: भतीजे अखिलेश ने नहीं बहू डिंपल ने मनाया चाचा शिवपाल को, एक फोन पर हो गए राजी
Mainpuri By Election: बता दें कि उपचुनाव में डिंपल की प्रत्याशिता की घोषणा के बाद अखिलेश और डिम्पल, चाचा शिवपाल को मनाने उनके घर गए थे। जिसके बाद शिवपाल ने ट्वीट कर डिम्पल को अपने समर्थन की घोषणा की थी और उसके बाद सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार शुरू कर दिए।
Mainpuri By Election: यह बहु डिंपल यादव का एक फोन कॉल था जिससे चाचा शिवपाल यादव सारे मतभेद भुलाकर मैनपुरी लोक सभा उपचुनाव में परिवार के लिए एक झंडे के नीचे खड़े होने को तैयार हो गए। आज समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी डिंपल यादव के पक्ष में एक सभा को सम्बोधित करते हुए शिवपाल यादव ने इस बात का खुलासा किया।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने बताया कि "बहू" डिंपल यादव का एक फोन था जिसने उन्हें आगामी मैनपुरी उपचुनाव में प्रचार करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने कहा कि अगर समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने फिर उनके साथ कुछ गलत किया तो डिंपल यादव इसकी गवाह होंगी।
बता दें कि उपचुनाव में डिंपल की प्रत्याशिता की घोषणा के बाद अखिलेश और डिम्पल, चाचा शिवपाल को मनाने उनके घर गए थे। जिसके बाद शिवपाल ने ट्वीट कर डिम्पल को अपने समर्थन की घोषणा की थी और उसके बाद सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार शुरू कर दिए। शिवपाल यादव ने बताया कि डिम्पल ने फोन किया था और कहा कि चाचा हम चुनाव लड़ रहे हैं आप आ जाइए। अब एक साथ ही रहना है, तो हमने उनसे कहा कि अब तुम ही मेरी गवाह हो और अगर अखिलेश फिर से कुछ गलत करते हैं, तो मेरे साथ खड़ी रहना। अब कुछ भी हो हम साथ ही रहेंगे।
जसवंत नगर से विधायक शिवपाल एक अनुभवी नेता हैं और क्षेत्र में लोकप्रिय हैं। उनका सपा को समर्थन देना बेहद महत्वपूर्ण था। क्योंकि भाजपा उम्मीदवार रघुराज शाक्य कभी उनके बहुत करीबी माने जाते थे। और उनकी शाक्य समाज में मजबूत पकड़ है। यादव परिवार में दरार का फायदा उठाने के लिए ही भारतीय जनता पार्टी ने शाक्य को उतारा है।
अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच हाल ही में रिश्तों में आयी मधुरता कोई पहली घटना नहीं है। 2016 के बाद से यह चौथी महत्वपूर्ण घटना है। बता दें कि 2016 के बाद चाचा-भतीजे के रिश्तों में दरार पड़ने के बाद शिवपाल ने प्रसपा की नीव रखी और प्रदेश की राजनीति में सक्रिय रहे। उन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव फिरोजाबाद से सपा के खिलाफ लड़ा। 2022 विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने शिवपाल यादव के साथ गठबंधन किया था, लेकिन उन्हें केवल एक सीट जसवंतनगर की दी गयी थी। जहां से वे वर्तमान विधायक हैं। हालांकि चुनाव नतीजों के बाद दोनों के रिश्तों में एक बार फिर खटास आ गई थी। इसके बाद शिवपाल यादव भी बीजेपी का पक्ष लेते हुए नजर आए। खासकर राष्ट्रपति चुनाव के दौरान। जहां शिवपाल ने सपा में अपनी "उपेक्षा" की शिकायत की। वहीं अखिलेश यादव ने कई मौकों पर चाचा पर भरतीय जनता पार्टी के साथ मेलजोल के आरोप लगाए।
लेकिन डिम्पल यादव के मनाने के बाद अब वो पिघलते नजर आ रहे हैं। उन्होने संकेत देते हुए कहा है कि यादव परिवार की युवा पीढ़ी को अब पार्टी की देखभाल करनी है। हम एक या दो चुनाव और लड़ेंगे। बता दें कि मैनपुरी उपचुनाव 5 दिसंबर को होना है, और वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी।