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न्यूज़ट्रैक की खबर का असर: हरकत में आया प्रशासन, लोगों को मिला पीने का पानी

कांशीराम आवासों में रहने वालों को तब राहत मिली जब नगर पंचायत द्वारा वहां के नलकूप की सबमर्सिबल को बदल कर दूसरी सबमर्सिबल लगाई गई।

Praveen Pandey
Reporter Praveen PandeyPublished By Monika
Published on: 24 May 2021 4:13 PM GMT (Updated on: 24 May 2021 4:16 PM GMT)
Crowds of people appeared to fill the water
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पानी भरने के लिए दिखीं लोगों की भीड़ (सौ.से सोशल मीडिया )

किशनी/मैनपुरी: कांशीराम आवासों में एक एक बूंद पानी (water) के लिए तरस रहे लोगों के लिए सोमवार का दिन खुशियां लेकर आया। उनको तब राहत मिली जब नगर पंचायत (Nagar Panchayat) द्वारा वहां के नलकूप की सबमर्सिबल (Submersible) को बदल कर दूसरी सबमर्सिबल लगा दी गई। आवासों में रहने वाले लोगों को जब इसकी भनक लगी तो वह खुशी से उछल पड़े और न्यूज़ट्रैक को शुक्रिया कहा।

सभी का कहना था कि वह लोग पानी के लिए बेहद परेशान थे। लोगों के अनुसार हैंडपंप का पानी पीने में अच्छा नहीं लगता है। उसपर छह हैंडपंपों में से सिर्फ एक ही हैंडपंप काम कर रहा था। जिस पर भारी भीड़ लगने के कारण लोगों को पानी के लिए भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा था। न्यूज़ट्रैक (Newstrack) में खबर छपने के बाद एसडीएम रामसकल मौर्य तथा ईओ अभय रंजन ने मौके पर लाकर हालातों का जायजा लिया और कर्मचारियों को शाम तक सवमर्सिवल लगाकर सभी को पानी उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद कर्मचारियों ने तेज गति से काम किया और लोगों को पानी उपलब्ध करा दिया। ईओ अभय रंजन ने बताया कि खराब हैंडपंपों को अतिशीघ्र मरम्मत कर ठीक कर दिया जायेगा। ताकि लोगों को भविष्य में कोई परेशानी न हो।

आपको बता दें, हाल ही में न्यूज़ट्रैक टीम की ओर से मैनपुरी के इस गांव में लोगों के बीच पानी की समस्या को दखते हुए खबर के माध्यम से आवाज उठाई गई थी। लोग पानी की एक एक बूंद के लिए संघर्ष करते पाए गए। यहां 156 आवास तीन मंजिला इमारतों में बनाये गये थे। यहां रहने वालों के घर में पानी की टंकी तो थी मगल उसमें कभी पानी नहीं आया। साथ ही हैण्डपम्प, बिजली की व्यवस्था आदि का इंतजाम किया गया था।

हैंडपंप से पानी ले जाते लोग (सौ. से सोशल मीडिया )

अब लोगों को मिली राहत

इन आवासों में ज़्यादातर मजदूरी रहा करते हैं जो अपना पेट पलने के लिए कई छोटे मोटे काम किया करते हैं। वहीं अधिकांश घरों की महिलाएं कस्बे के घरों में बर्तन मांजने का कार्य करतीं हैं। जिनके पास खुद पीने का पानी नहीं था वह अपने पशुओं को कहां से पानी देते। कई परिवार गुजरे के लिए गाय, भैंस, बकरी आदि पाले हुए हैं।लोगों के लिए एक एक बाल्टी पानी ऊपरी मंजिल तक पहुंचाना बहुत ही मुश्किल कार्य था। लेकिन अब उनकी इस बड़ी समस्या का आखिरकार समाधान हुआ। जिसके बाद अब लोगों के चेहरे खिल उठे।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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