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किसानों के साथ भेदभाव अब बर्दाश्त नहीं: उमेश शर्मा

भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे ने खरीद केन्द्रों पर की जा रही धांधली को रोकने की मांग की है।

Praveen Pandey
Published on: 11 Jun 2021 9:33 PM IST
Bhartiya Kisan Union
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एसडीएम को दस सूत्रीय मांग पत्र सौंपते भारतीय किसान यूनियन (किसान) के पदाधिकारी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Mainpuri News: भारतीय किसान यूनियन (किसान) के जिलाध्यक्ष अनुरूद्ध दुबे की ओर खरीद केन्द्रों पर की जा रही धांधली को रोकने की मांग तथा धरने की चेतावनी के बाद भी प्रशासन द्वारा समुचित कार्यवाही न करने पर शुक्रवार को यूनियन के पदाधिकारियों ने तहसील अध्यक्ष की अगुआई में एसडीएम को एक दस सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि जल्दी ही यदि उनकी मांगों पर अमल न किया गया तो यूनियन तहसील परिसर में ही विशाल धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगी।

भाकियू (किसान) के राष्ट्रीय महासचिव शीलेश दुबे के आदेश पर तहसील अध्यक्ष उमेश चन्द्र शर्मा की अगुआई में कई किसान तहसील परिसर में एकत्र हुये और उन्होंने एसडीएम रामसकल मौर्य को दस सूत्रीय ज्ञापन देकर मांगों पर जल्द ही कार्यवाही की मांग की। उनकी प्रमुख मांगों में सरकारी खरीद केन्द्रों पर की जा रही धांघली को खत्म कर अब तक की गई खरीद की जांच की मांग की गई। इसके अलावा नगला सारंग से निकलने वाले नाले की अधूरी सफाई को पूरा कराने, गांव रैपुरा के पास समान रजबहे में हुई टैल की टूट की मरम्मत तथा कस्बे से होकर गुजरने वाली किशनी माइनर की पुलिया को नये सिरे से बनाने की मांग की गई है। एसडीएम रामसकल मौर्य ने यूनियन की एक मांग जिसमें कहा गया था कि जो लोग साझेदार के नाम पर गेहूं बेचते हैं उन्हें अब रजिस्ट्रेशन के समय साझेदार का सहमति पत्र तथा आधार कार्ड भी लाना चाहिये। अब सिर्फ लेखपाल की रिपोर्ट से काम नहीं चलेगा। कार्यवाही करते हुये स्टैनो अजय शाक्य को निर्देशित किया कि अब संगठन की मांग के अनुसार ही काम होगा। बाकी मांगों के लिये उन्होंने स्टैनो को पत्र लिखने का आदेश दे दिया है।

मांगें न मानी गईं तो ऐसा प्रदर्शन होगा, जिसकी गूंज प्रदेश तक जायेगी: उमेश शर्मा

पत्रकारों से बात करते हुये तहसील अध्यक्ष उमेश शर्मा ने कहा कि अब बहुत हो चुका किसानों पर अत्याचार। जब हम सरकारें बना सकते हैं तो बिगाड़ने की ताकत भी हमें लोकतन्त्र तथा संविधान ने दी है। हमारा किसी सरकार से विरोध नहीं है। पर जहां किसानों के हितों पर कुठाराघात किया जायेगा, वहां हमारा संगठन सीना तानकर किसानों के पक्ष में खड़ा होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के अनाज को सरकारी खरीद केन्द्र मिट्टी समझ कर वापस कर देते हैं, जबकि जो बिचैलिया सचिवों को मोटा कमीशन देता है उसका गेहूं खरीद लिया जाता है। केन्द्रों पर वारदाने की कमी का रोना रोया जाता है। इसकी जिम्मेदारी भी क्या किसानों की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों पर जल्दी ही निर्णय न लिया गया तो हमारा अनशन सारा जनपद देखेगा और उसकी गूंज सारे प्रदेश तक जायेगी।

इस मौके पर जिला उपाध्यक्ष रनवीर यादव, ब्लॉक अध्यक्ष रमन यादव, जिला महासचिव सुभाष यादव, संगठन के संरक्षक अशोक दुबे, नरेन्द्र यादव, उमाकान्त पाण्डेय, अंशुल पाण्डेय, शिबानू पाण्डेय, सोनू दुबे, योगेश शुक्ला, राघवेन्द्र चैहान, अरविन्द शाक्य, रामयज्ञ गुप्ता, उमेश पाण्डेय, लल्लन बाबू दुबे, विशाल चौहान, पिन्कू सिकरवार, शिवा कुमार, चंदन चौहान, अमरूद्धीन खान सहित अन्य किसान मौजूद थे।



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Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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