12वीं की परीक्षा निरस्त होने से मायूस हैं मेधावी छात्र-छात्राएं

यूपी बोर्ड की परीक्षाए निरस्त होने से छात्र-छात्राओं के अलग-अलग मत हैं।

Praveen Pandey
Published on: 7 Jun 2021 5:24 PM GMT (Updated on: 7 Jun 2021 5:37 PM GMT)
Intermediate exam
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परीक्षा की तैयारी करते छात्र की फाइल तस्वीर (फोटो साभार-सोशल ​मीडिया)

ainpuri News: यूपी बोर्ड की परीक्षाए निरस्त होने से छात्र-छात्राओं के अलग-अलग मत हैं। मेहनतकश विद्यार्थी परीक्षा निरस्त होने को अपनी मेहनत पर कुठाराघात बता रहे हैं, जबकि कुछ ने कोविड-19 से बचाव से शासन के फैसलों को ठीक बताया है।


छात्रों का कहना है कि सरकार ने बहुत सोच समझकर ही छात्रों के हित में फैसला लिया है। एक बार इस महामारी से निपट लिया जाये तो फिर उन्हें अपनी प्रतिभा निखारने का मौका अवश्य मिलेगा। हमारी टीम ने नगर के कुछ मेधावी छात्रों से इस पर बात की।


हाईस्कूल की परीक्षा में विगत वर्ष शानदार सफलता हासिल करने वाले इण्टरमीडिएट के मेधावी छात्र देवांश दीक्षित का कहना है कि सरकार ने कोरोना सक्रमण को लेकर बोर्ड परीक्षा को निरस्त करने का जो निर्णय लिया है वह बिल्कुल सही है। इससे छात्र-छात्राएं संक्रमित होने से बचेंगे। इसलिये वह परीक्षा निरस्त होने को ठीक मानते हैं। अब प्री बोर्ड परीक्षा के आधार पर छात्रों को अंक दिये जाएंगे, उससे दिये जाने वाले अंकों को लेकर जरूर आंशका बनी हुई है।

छात्र अमन राईन का कहना है कि विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बोर्ड परीक्षायें निरस्त होना उचित है जबकि पढ़ाई के लिहाज से परीक्षार्थियों का बहुत नुकसान हुआ है। छात्रों ने पूरे वर्ष कड़ी मेहनत कर परीक्षाओं के लिये जो तैयारी की थी वह धरी ही रह गई। अब जो अंक छात्रों को दिये जाएंगे। उसमें स्कूलों की अहम भूमिका रहेगी। अब छात्रों को अपनी मेहनत और लगन से नहीं बल्कि स्कूलों के द्वारा तैयार किये गये कागजों पर अंक मिलेंगे।



मेधावी छात्र दीपेन्द्र सिंह का कहना है कि कोविड-19 से सुरक्षा आज की पहली प्राथमिकता है। परीक्षा निरस्त होने से उनकी पूरे वर्ष की मेहनत बेकार चली गई, लेकिन अब वह अन्य उच्च शिक्षा की तैयारियों को पूरा समय दे पाएंगे। इससे उन्हें सफलता हाथ जरूर लगेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को छात्रों के हितों को देखते हुये अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिये।



Raghvendra Prasad Mishra

Raghvendra Prasad Mishra

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