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श्रम कल्याण विभाग की संचालित योजनाओं का सबसे अधिक लाभ दिलाने वाले लेखपाल, सचिव को मिलेगी उत्कृष्ट प्रविष्टि: डीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रम विभाग के पंजीकृत श्रमिकों के खातों में 1 हजार रुपए की धनराशि हस्तातंरित की।

Praveen Pandey
Published on: 10 Jun 2021 12:02 AM IST
Mainpuri
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श्रमिकों से संवाद के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सुनते अधिकारी (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

Mainpuri News: एनआईसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्चुअल संवाद के जरिए श्रम विभाग के पंजीकृत श्रमिकों से संवाद, पंजीकृत श्रमिकों के खातों में 1 हजार रुपए की धनराशि हस्तातंरित की। वर्चुअल संवाद के उपरांत जिलाधिकारी महेन्द्र बहादुर सिंह ने श्रम विभाग की संचालित योजनाओं के बारे में बताया कि शासन स्तर से असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले श्रमिकों के हितार्थ श्रम विभाग में तमाम योजनाएं संचालित हैं। असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत श्रमिक जो बैल्डिंग, बढ़ई, कुआं खोदना, रोलर चलाना, छप्पर डालने, राज मिस्त्री, प्लम्बरिंग, लोहार, मौजैक पालिश, सड़क निर्माण, मिक्सर चलाने, पुताई, इलेक्ट्रिक वर्क, हथौडा चलाने, सुरंग निर्माण, टाईल्स लगाने, चट्टान तोड़ने, स्प्रे वर्क, मिक्सिंग वर्क, मार्बल, स्टोन्स वर्क का कार्य करने वाले सभी श्रमिक उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधीन निर्माण श्रमिक की श्रेणी में आते हैं, यह श्रमिक किसी भी योजना में पंजीकृत नहीं हैं, तो उनका चिन्हांकन कर भरण-पोषण योजना में लाभान्वित कराया जाये।

उन्होंने कहा कि सभी लेखपाल, सचिव अपने-अपने क्षेत्र के कम से कम 100-100 लोगों का 15 जून तक पंजीकरण करायें, लेखपाल पंजीकरण के उपरांत उप जिलाधिकारी को एवं सचिव खंड विकास अधिकारी को सूची उपलब्ध करायें, उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी सूची संकलित कर अद्योहस्ताक्षरी को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विकास खंड में अधिकतम पंजीकृत कराने वाले 3 सचिवों, प्रत्येक तहसील में अधिकतम पंजीकरण कराने वाले 3 लेखपालों को विशेष प्रविष्टि अंकित की जायेगी।

डीएम ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी से कहा कि अभियान चलाकर योजना का लाभ पाने से वंचित लोगों को चिन्हित किया जाये और उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाये। उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अधीन पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के हितार्थ विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं संचालित है, जिनमें हितलाभ हेतु अद्यतनीकृत रूप पंजीकृत निर्माण श्रमिक से आवेदन कराकर उन्हें लाभान्वित किया जाये। न्यूनतम् 90 दिनों तक निर्माण श्रमिक के रूप में कार्य किया हो, ऐसे श्रमिक तत्काल श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय अथवा किसी भी जनसेवा केन्द्र से पंजीकरण कराकर उन्हें भी श्रम विभाग की संचालित योजनाओं से लाभान्वित किया जाये। उन्होंने कहा कि जिन पंजीकृत श्रमिकों ने अभी तक नवीनीकरण नहीं कराया है उन्हें नवीनीकरण कराने हेतु पे्ररित किया जाये, जिन श्रमिकों का अभी तक पंजीकरण नहीं हुआ है, उनका अभियान चलाकर पंजीकरण किया जाये।

जिलाधिकारी ने कहा कि श्रम विभाग में पंजीकृत श्रमिकों की पुत्रियों की शादी से लेकर बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए तमाम योजनाएं संचालित हैं। उन्होने श्रम प्रवर्तन अधिकारी से कहा कि जिला बेसिक शिक्षाधिकारी को छात्रवृत्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में पम्पलेट, आवेदन प्रपत्र उपलब्ध करायें, बेसिक शिक्षाधिकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकृत श्रमिकों के पढ़ने वाले बच्चों से औपचारिकताएं पूर्ण कराकर श्रम प्रवर्तन अधिकारी को उपलब्ध करायें ताकि श्रमिकों के बच्चों को भी 100 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को शिशु हित लाभ योजना के तहत बेटी के पैदा होने पर 15 हजार एवं बेटा पैदा होने पर 12 हजार की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है साथ ही पहली बेटी होने पर 25 हजार की एफडी जो 18 साल पर 1 लाख रुपए के रूप में मिलेगी, यदि पहली बेटी विकलांग होगी तो 50 हजार की एफडी कराकर उपलब्ध कराई जाएगी, बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर उसे 2 लाख रुपए मिलेगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पंजीकृत मजदूर की बेटी की शादी घर पर करने पर 55 हजार एवं सामूहिक रूप से करने पर 65 हजार विवाह शादी अनुदान योजना के तहत दिया जा रहा है, गंभीर बीमारी के इलाज हेतु 2 लाख से लेकर 15 लाख तक का पूरा खर्चा श्रम बोर्ड द्वारा वहन किया जाएगा। श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने की दशा में 5 लाख, पूर्ण रूप से अंग भंग होने पर 3 लाख एवं आंशिक रूप से अंग भंग होने पर 2 लाख की आर्थिक सहायता दी जा रही है साथ ही अकुशल श्रमिक को 1 हजार, अर्द्धकुशल को 1200 रुपए एवं कुशल श्रमिक को 1500 रुपए महीना पेंशन दिए जाने का भी प्रावधान है। उन्होने बताया कि श्रम विभाग में श्रमिकों के सर्वागीण विकास हेतु प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना एवं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, कौशल विकास तकनीकी उन्नयन एवं प्रमाणन योजना, संत रविदास शिक्षा सहायता योजना भी संचालित हैं।



Raghvendra Prasad Mishra

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