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CAA के समर्थन में आए Rajput Karni Sena के जिलाध्यक्ष, बोले- नहीं जाएगी नागरिकता

Mainpuri News: CAA लागू हो जाने के बाद मैनपुरी में इसकी समर्थन में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेवा के लोग उतर आए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं।

Ashraf Ansari
Published on: 13 March 2024 4:46 PM IST
राजपूत करणी सेना के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह भदौरिया।
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राजपूत करणी सेना के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह भदौरिया। (Pic: Newstrack)

Mainpuri Rajput Karni Sena suport on CAA: नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो जाने के बाद मैनपुरी में इसके समर्थन में राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के लोग उतर आए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं। लंबे समय के बाद इसको लागू किया गया है। इससे बाहर से आए लोगों को रहने की नागरिकता मिलेगी।

CAA से किसी की नहीं जाएगी नागरिकता

नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू हो जाने के बाद मैनपुरी से राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह भदोरिया समर्थन में उतर आए हैं। उन्होंने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया है कि सरकार के फैसले का हम खुले तौर पर समर्थन करते हैं। नागरिकता संशोधन अधिनियम को 2019 में लोकसभा और राज्यसभा में पास कर लिया गया था लेकिन कोरोना काल के वजह से इसको लागू नहीं किया गया था। अब जाकर इसको लागू कर दिया गया है। सरकार के द्वारा लागू किए गए इस अधिनियम का हम लोग स्वागत करते हैं। कुछ लोग इस अधिनियम को लेकर बहकाने का काम कर रहे हैं कि इससे आप लोगों की नागरिकता चली जाएगी। असल में यह अधिनियम किसी की नागरिकता लेने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का है। जो लोग विभाजन के समय देश से बाहर चले गए थे और पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में रहने लगे थे। जिन में हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध, जैन यह सभी शामिल हैं। जिनको लगातार परेशान किया जा रहा था उनके लिए सरकार ने इसे लागू किया है। यह लोग भारत में आकर रह सकते हैं।

पिछली सरकारों में लगातार हुआ तुष्टिकरण

राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के जिला अध्यक्ष शंकर सिंह भदौरिया ने आगे कहा कि बीजेपी की सरकार बनने से पहले तुष्टिकरण का काम किया जाता था। पहले की सरकार में ऐसे ऐसे एक्ट लाए जाते थे जिससे हिंदुओं को खतरा हुआ करता था। लेकिन सरकार बदली तो देश का माहौल भी बदल गया आज देश में हर वर्ग का लोग खुश है। सरकार के द्वारा लागू किए गए नागरिकता संशोधन अधिनियम का हम समर्थन इसलिए करते हैं कि भारत माता की गोद में लंबे समय से शरणार्थी के तौर पर रह रहे हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन, पारसी, इन सब को यहां रहने का अधिकार मिलने वाला है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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