UP By-Election 2024: सपा को मजबूती से घेरने की BJP की कोशिश, करहल में सबसे बड़ा खेल, अखिलेश के जीजा को मैदान में उतारा

UP By-Election 2024: भाजपा की ओर से आज घोषित किए गए प्रत्याशियों की सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ने समाजवादी पार्टी को मजबूती से घेरने का प्रयास किया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 24 Oct 2024 7:35 AM GMT (Updated on: 24 Oct 2024 7:46 AM GMT)
Akhilesh Yadav brother in law Anujesh Yadav
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Akhilesh Yadav brother in law Anujesh Yadav   (PHOTO: social media )

UP By-Election 2024: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में हो रहे विधानसभा उपचुनाव में अपने पत्ते खोल दिए हैं। प्रदेश में 9 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं और भाजपा ने एक सीट अपने सहयोगी रालोद को दी है। भाजपा ने आज सात सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया जबकि कानपुर की सीसामऊ सीट पर अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है।

भाजपा की ओर से आज घोषित किए गए प्रत्याशियों की सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ने समाजवादी पार्टी को मजबूती से घेरने का प्रयास किया है। सपा का गढ़ मानी जाने वाली मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट पर सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के कुनबे से जुड़े अनुजेश यादव को उतार कर भाजपा ने सपा को कड़ी चुनौती पेश कर दी है। रिश्ते में अनुजेश सपा मुखिया अखिलेश यादव के जीजा लगते हैं। प्रदेश की अन्य सीटों पर भी भाजपा की ओर से लंबे मंथन के बाद मजबूत प्रत्याशी उतारे गए हैं।

करहल में अखिलेश के जीजा को उतारा

भाजपा की ओर से सबसे बड़ा सियासी खेल करहल विधानसभा क्षेत्र में किया गया है। पार्टी ने इस विधानसभा क्षेत्र में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के भाई अभय राम यादव की बेटी संध्या यादव के पति अनुजेश यादव को टिकट दिया है। संध्या यादव आजमगढ़ से सपा सांसद धर्मेंद्र यादव की सगी बहन हैं। वे सियासी मैदान में कदम रखने वाली मुलायम परिवार की पहली बेटी हैं। वे जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।

इस तरह करहल विधानसभा क्षेत्र में दिलचस्प मुकाबले की बिसात बिछ गई है। अखिलेश यादव ने इस सीट पर अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा है तो दूसरी ओर भाजपा ने रिश्ते में अखिलेश के जीजा रखने वाले अनुजेश यादव को टिकट दे दिया है। अनुजेश यादव की मैनपुरी की सियासत में मजबूत पकड़ मानी जाती रही है और ऐसे में अब तेज प्रताप को इस विधानसभा क्षेत्र में जीत हासिल करने के लिए मेहनत करनी होगी।


लंबे समय से सक्रिय है अनुजेश का परिवार

अनुजेश यादव का परिवार लंबे समय से सियासी मैदान में सक्रिय रहा है। उनकी मां उर्मिला यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर मैनपुरी की घिरोर विधानसभा सीट से विधायक रह चुकी हैं। उनकी पत्नी संध्या यादव समाजवादी पार्टी की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं मगर सपा की ओर से विश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद उनके परिवार का सपा से मोहभंग हो गया। बाद में अनुजेश और उनकी पत्नी संध्या यादव ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी।

लोकसभा चुनाव के दौरान भी अनुजेश को मैनपुरी से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। बाद में भाजपा ने मैनपुरी में डिंपल यादव के खिलाफ योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतार दिया था। मैनपुरी में उपचुनाव के दौरान भी अनुजेश ने सपा के खिलाफ प्रचार किया था। अब वे खुद करहल में ताल ठोकते हुए नजर आएंगे।


ब्राह्मण और ठाकुर समीकरण

भाजपा की ओर से जारी की गई सूची में गाजियाबाद से संजीव शर्मा और कुंदरकी से रामवीर सिंह ठाकुर को चुनाव मैदान में उतर गया है। खैर सुरक्षित सीट से सुरेंद्र दिलेर और फूलपुर से दीपक पटेल भाजपा के चेहरे होंगे जबकि कटेहरी से धर्मराज निषाद और मझवां से शुचिस्मिता मौर्य को टिकट दिया गया है।

संजीव शर्मा भाजपा के महानगर अध्यक्ष हैं और उनकी ब्राह्मण और वैश्य वोट बैंक पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। कुंदरकी में ठाकुर मतदाता सबसे ज्यादा है और जातीय समीकरण साधने के लिए ठाकुर बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले रामवीर सिंह ठाकुर को मैदान में उतारा गया है।


इस आधार पर पार्टी ने बांटे टिकट

अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से मैदान में उतारे गए सुरेंद्र दिलेर पूर्व सांसद राजवीर सिंह दिलेर के बेटे हैं। राजवीर दिलेर का हाथरस लोकसभा सीट से टिकट काट दिया गया था और बाद में उनका निधन हो गया था। ऐसे में सहानुभूति लहर का फायदा उठाने के लिए राजवीर को टिकट दिया गया है। फूलपुर से प्रत्याशी बनाए गए दीपक पटेल की कुर्मी वोटों पर मजबूत पकड़ मानी जाती है। उनकी मां केशरी देवी पटेल फूलपुर से सांसद रही हैं।

कटेहरी से चुनाव मैदान में उतारे गए धर्मराज निषाद इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं। दलितों के साथ ही सवर्ण मतदाताओं पर भी उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती रही है। मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट पर उतारी गई शुचिस्मिता मौर्य सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय रही हैं और उनके परिवार की क्षेत्र में अच्छी पकड़ रही है। भाजपा इसका फायदा उठाना चाहती है।


जातीय समीकरण साधने की कोशिश

भाजपा की ओर से जारी की गई सूची से साफ है कि पार्टी ने जातीय समीकरण साधने का पूरा प्रयास किया है। पार्टी की ओर से घोषित सात प्रत्याशियों में चार ओबीसी हैं। सामान्य वर्ग के दो और दलित वर्ग का एक प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा गया है। यदि अगड़ी जातियों की बात की जाए तो एक ब्राह्मण संजीव शर्मा और एक ठाकुर रामवीर सिंह ठाकुर को टिकट दिया गया है।

पिछड़ी जातियों में कुर्मी, मौर्य, यादव और निषाद बिरादरी से एक-एक प्रत्याशी चुनावी जंग में उतारा गया है। अलीगढ़ की आरक्षित खैर विधानसभा सीट से वाल्मीकि समुदाय से जुड़े सुरेंद्र दिलेर को पार्टी ने टिकट दिया है। इस तरह भाजपा की सूची से साफ हो गया है कि पार्टी ने जातीय समीकरण साधने की पूरी कोशिश की है।


Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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