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गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार ने किया नियमों में ये बड़ा बदलाव

योगी सरकार ने प्रदेश में छुट्टा गोवंश के रख रखाव के लिए सार्वजनिक उपयोग की भूमियों के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके मुताबिक अब छुटटा/अन्ना गौवंश के रख रखाव के लिए चारागाह की भूमि के उपयोग की मंजूरी दी गई है।

Dharmendra kumar
Published on: 19 Jan 2019 8:29 AM GMT
गोवंश के रखरखाव के लिए सरकार ने किया नियमों में ये बड़ा बदलाव
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लखनऊ: योगी सरकार ने प्रदेश में छुट्टा गोवंश के रख रखाव के लिए सार्वजनिक उपयोग की भूमियों के नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके मुताबिक अब छुटटा/अन्ना गौवंश के रख रखाव के लिए चारागाह की भूमि के उपयोग की मंजूरी दी गई है।

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दरअसल राजस्व संहिता—2006 के प्राविधानों के तहत चारागाह की भूमि धारा—77(1)(क) के तहत सार्वजनिक उपयोगिता की सुरक्षित श्रेणी में आती है जिस पर न तो किसी को भूमिधरी अधिकार प्राप्त हो सकते हैं और न ही ऐसी भूमि को ग्राम सभा द्वारा एमओयू के आधार पर किसी अन्य गैरसरकारी संस्था (एनजीओ) को प्रबंधन के लिए दिया जा सकता है।

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उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता—2006 के प्राविधानों में यह भी स्पष्ट है कि चारागाह के लिए सुरक्षित भूमि अथवा उसके किसी आंशिक भू—भाग पर किसी प्रकार का निर्माण अथवा चहारदीवारी आदि का निर्माण कराया जाना भी नियमानुकूल नहीं माना जा सकता है। पर यदि ऐसी भूमि पर पर ग्राम सभा द्वारा चारा प्रदान करने वाली प्रजातियों के वृक्ष लगाए जाते हैं या पशुओं के पीने के लिए नलकूप, चरही आदि का निर्माण किया जाता है तो उसमें कोई आपत्ति नहीं होगी।

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इस काम में यदि किसी एनजीओ या कारपोरेट घराने द्वारा सीएसआर के तहत ग्राम सभा को कोई सहयोग प्रदान किया जाता है अथवा ग्राम सभा के प्रस्ताव व अनुबंध के बाद अपने खर्च पर नलकूप व चरही आदि की स्थापना की जाती है तो उसमें भी कोई आपत्ति नहीं होगी। पशु आश्रय स्थलों की स्थापना चरागाह की भूमि के पास विनिमय के जरिए अनारक्षित भूमि की व्यवस्था भी की जा सकती है।

Dharmendra kumar

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