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महाशिवरात्रि पूजन: प्रकृति को बनायें अपनी वेलेंटाइन- स्वामी चिदानन्द
परमार्थ निकेतन प्रांगण प्रातःकाल से ही भगवान शिव के रंग में रंगा हुआ है। शिव कीर्तन, संगीत एवं जय जय कार के नारों के साथ परमार्थ गुरूकुल के आचार्यों, ऋषिकुमारों ने रैली निकाली। रैली के माध्यम से ऋषिकुमारों ने नीलकंठ जाने वाले शिव भक्तों को स्वच्छता का
ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन प्रांगण प्रातःकाल से ही भगवान शिव के रंग में रंगा हुआ है। शिव कीर्तन, संगीत एवं जय जय कार के नारों के साथ परमार्थ गुरूकुल के आचार्यों, ऋषिकुमारों ने रैली निकाली। रैली के माध्यम से ऋषिकुमारों ने नीलकंठ जाने वाले शिव भक्तों को स्वच्छता का संदेश दिया।शिवरात्रि के पावन पर्व के अवसर पर परमार्थ गंगा तट पर विशेष पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें परिवहन और प्रोटोकाॅल राज्य मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार, श्री स्वतंत्र देव सिंह जी ने सपरिवार भाग लिया।
चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने शिवरात्रि का संदेश देते हुये कहा, ’कल्याण के लिये प्रार्थना ही नहीं प्रयत्न भी जरूरी है। कहा जाता है कि सृष्टि का आरम्भ शिवरात्रि के दिन से ही हुआ अतः सृष्टि को बचायें रखने का प्रयत्न भी आज से ही होना चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि भगवान शिव कल्याणकारी है, वर्तमान में भी पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त करने के लिये ऐसे ही कल्यणकारी आत्माओं की जरूरत है तभी हम शिव की पृथ्वी को सुरक्षित रख सकते है। उन्होने कहा कि शिवालयों में जाकर शिव का पूजन करना आवश्यक है परन्तु जीवन में शिवत्व को धारण करना नितांत आवश्यक है।’’
प्रकृति को बनायें अपनी वेलेंटाइन- स्वामी चिदानन्द सरस्वती
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं परिवहन और प्रोटोकाल राज्य मंत्री उत्तरप्रदेश सरकार, स्वतंत्र देव सिंह के मध्य विशेष बैठक सम्पन्न हुई।परिवहन व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के साथ स्वच्छ परिवहन संसाधन स्थापित करने के विषयों पर चर्चा की हुई।
स्वामी जी ने चर्चा के दौरान कहा कि सभी नगरों और महानगरों के बस स्टैण्ड को स्वच्छ और हरित बनाने एवं यात्रियों की सुविधा के लिये उचित स्वच्छता युक्त वातावरण निर्माण करने हेतु कूड़ादान की व्यवस्था करना साथ ही वृक्षारोपण कर हरित वातावरण का निर्माण करना जिससे वहां पर उत्पन्न होने वाले वायु प्रदूषण एवं धुंये को कम किया जा सके।
स्वामी जी महाराज ने माँ गंगा के तट पर सभी विशिष्ट अतिथियों के साथ भगवान शिव का अभिषेक और विशेष पूजन सम्पन्न किया तत्पश्चात सभी ने दिव्य गंगा आरती में सहभाग किया। सभी विशिष्ट अतिथियों को स्वामी जी महाराज ने शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।