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मल्हनी उपचुनाव: निष्पक्ष हुआ तो मतदाताओं की संख्या परिणाम का संकेत करती है

इस चुनाव में विवेक यादव ने यादव वोटों में सेंध मारी किया था इसके बाद भी सपा के पारस नाथ यादव 69,351वोट हांसिल कर पहले स्थान पर विजयी रहे। हे है। 

Suman  Mishra | Astrologer
Published on: 18 Oct 2020 12:34 PM GMT
मल्हनी उपचुनाव: निष्पक्ष हुआ तो मतदाताओं की संख्या परिणाम का संकेत करती है
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मल्हनी विधानसभा बनने के बाद से लगातार इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है और इस उप चुनाव में भी आयोग ने इमानदारी

जौनपुर मल्हनी विधानसभा के लिये हो रहे उप चुनाव में नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब प्रत्याशीयों ने अपनी पूरी ताकत मतदाताओं को पटाने के लिये प्रचार में लगा दिया है। जातीय समीकरण बैठाने का खेल शुरू हो गया है। जातीय समीकरण के आधार पर इस विधानसभा में सपा का पलरा सब पर भारी ही नजर आता है। यही कारण है कि मल्हनी विधानसभा बनने के बाद से लगातार इस सीट पर सपा का ही कब्जा रहा है और इस उप चुनाव में भी आयोग ने इमानदारी एवं पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव सम्पन्न करा लिया और सत्ता पक्ष सरकारी मशीनरी का सहयोग नहीं लिया तो दावे के साथ कहा जा सकता है कि मल्हनी सपा के ही खाते में रह सकती है।

मल्हनी विधानसभा का गठन

यहाँ बता दें कि कि मल्हनी विधानसभा का गठन वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव के समय हुआ था इसके पहले यह क्षेत्र रारी विधानसभा के नाम से जाना जाता था। मल्हनी विधानसभा बनने पर परसीमन के दौरान जो गांव सभायें इसमें जुड़ी उसमें यादव मतदाताओं की संख्या सबसे अधिक रही। इसी लिये यह सीट सपा के लिए मुफीद मानी जाती है। अब अगर जातीय समीकरण पर नजर डालें तो इस विधानसभा में कुल मतदाता संख्या 3,62,365 है जिसमें 1,88,993 पुरुष और 1,73,354 महिला मतदाता है।

यादव मतदाताओं की संख्या 1.12 लाख

इसमें यादव मतदाताओं की संख्या 1.12 लाख के आसपास है। इसके बाद यहाँ पर क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 30 से 35 हजार एवं ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या 35 से 40 हजार है। विन्द - निषाद मतदाता भी 30 हजार के आस पास है तो हरिजन भी 20 से 25 हजार के बीच में है वहीं मौर्य मतदाता भी 22 से 24 हजार बताये जा रहे हैं। लगभग 17 हजार मुसलमान मतदाता है। इसके बाद 87 हजार मतदाताओं में अन्य शेष सभी जातियों के लोग शामिल है।

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यहाँ बताना है कि वर्ष 2012 में विधानसभा के आम चुनाव में भाजपा चुनाव मैदान से बाहर रहते हुए अपना समर्थन लोजपा की प्रत्याशी रही बाहुबली नेता धनन्जय सिंह की पूर्व पत्नी डा. जागृति सिंह को समर्थन दिया था। सपा से पारस नाथ यादव चुनाव लड़े थे जो अब इस दुनियां में नहीं है और उनके निधन पर उप चुनाव हो रहा है।

सपा का परचम लहराया

बसपा से पाड़िन सिंह चुनाव लड़े थे जो अब भाजपा का दामन थामे हुए हैं। इस चुनाव में पारस नाथ यादव सपा को 81,602 मत मिले और पारस नाथ यादव विजयी रहे। दूसरे स्थान पर 50100 मत पाकर भाजपा-लोजपा गठबन्धन की प्रत्याशी धनन्जय सिंह की पूर्व पत्नी डा जागृति सिंह रही। उस समय भी जागृति सिंह के चुनाव की कमान धनन्जय सिंह के ही हाथ में थी। पत्नी के नाम पर एक तरह से खुद पूर्व सांसद धनन्जय सिंह ही चुनावी मैदान में रहे फिर भी सपा का परचम लहराया ।

बसपा तीसरे स्थान पर रही पाड़िन सिंह को 45,841 मत मिला था इस तरह सपा 31,502 मतो से विजय दर्ज कराया था। इसके बाद सपा की सरकार बनी और पारस नाथ यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।

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पारस नाथ यादव पर दांव लगाते हुए मल्हनी का प्रत्याशी

तत्पश्चात 2017 में आम चुनाव के दौरान भी सपा ने पारस नाथ यादव पर दांव लगाते हुए मल्हनी का प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में सतीश सिंह को उतार दिया तो बसपा ने यादव कार्ड खेलते हुए विवेक यादव को चुनाव में खड़ा कर दिया। पूर्व सांसद धनन्जय सिंह किसी दल से टिकट न मिलने पर निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में स्वयं आ गये।

इस चुनाव में विवेक यादव ने यादव वोटों में सेंध मारी किया था इसके बाद भी सपा के पारस नाथ यादव 69,351वोट हांसिल कर पहले स्थान पर विजयी रहे। इस चुनाव में भी निर्दल प्रत्याशी धनन्जय सिंह 48141 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। बसपा के विवेक यादव 46011 मत पाकर तीसरे स्थान पर तो भाजपा के सतीश सिंह 38086 मत पाकर चौथे स्थान पर रहे है।

ब्राह्मण मतदाता स्वतंत्र

2012 और 2017 के आम चुनाव में यहाँ पर ब्राह्मण मतदाता स्वतंत्र था लेकिन इस उप चुनाव में यहाँ बसपा और कांग्रेस दोनों ने ब्राह्मण कार्ड खेला है। इस उप चुनाव में सपा से एक मात्र यादव प्रत्याशी स्व पारस नाथ यादव के पुत्र युवा नेता लकी यादव चुनाव मैदान में है। आज भी स्व पारस नाथ यादव की लोक प्रियता और क्षेत्र के प्रति उनकी रूझान अपने पुत्र के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। भाजपा से मनोज सिंह और निर्दल प्रत्याशी धनन्जय सिंह दो लोग क्षत्रिय समाज से है ।

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यहाँ पर क्षत्रिय मतदाताओं की बड़ी रूझान धनन्जय सिंह के नजर आती है। यहां एक नया समीकरण और देखने को मिल रहा है कि 2017 के चुनाव में जो मतदाता भाजपा के साथ रहे आज भाजपा की नीतियों और कृत्य से खासे नाराज हैं और उनकी रूझान सपा की ओर नजर आ रही है। इस तरह यादव मुसलमान और भाजपा से नाराज मतो रूझान पर पैनी नजर डालने पर परिणाम का सहज अनुमान लगाया जा सकता है।

कपिल देव मौर्य जौनपुर

Suman  Mishra | Astrologer

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एस्ट्रोलॉजी एडिटर

मैं वर्तमान में न्यूजट्रैक और अपना भारत के लिए कंटेट राइटिंग कर रही हूं। इससे पहले मैने रांची, झारखंड में प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया में रिपोर्टिंग और फीचर राइटिंग किया है और ईटीवी में 5 वर्षों का डेस्क पर काम करने का अनुभव है। मैं पत्रकारिता और ज्योतिष विज्ञान में खास रुचि रखती हूं। मेरे नाना जी पंडित ललन त्रिपाठी एक प्रकांड विद्वान थे उनके सानिध्य में मुझे कर्मकांड और ज्योतिष हस्त रेखा का ज्ञान मिला और मैने इस क्षेत्र में विशेषज्ञता के लिए पढाई कर डिग्री भी ली है Author Experience- 2007 से अब तक( 17 साल) Author Education – 1. बनस्थली विद्यापीठ और विद्यापीठ से संस्कृत ज्योतिष विज्ञान में डिग्री 2. रांची विश्वविद्यालय से पत्राकरिता में जर्नलिज्म एंड मास कक्मयूनिकेश 3. विनोबा भावे विश्व विदयालय से राजनीतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री

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