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Lucknow News: निजीकरण को लेकर बिजली कर्मचारियों में आक्रोश, 22 नवंबर को करेंगें कार्य बहिष्कार
Lucknow News: शक्ति भवन लखनऊ पर 17 नवंबर धरना के बाद बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा अभी तक कोई वार्ता के लिए पहल न होने के कारण निगम और कर्मचारियों के बीच टकराव बढ़ गया है।
Lucknow News: शक्ति भवन लखनऊ पर 17 नवंबर धरना के बाद बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति से ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन द्वारा अभी तक कोई वार्ता के लिए पहल न होने के कारण निगम और कर्मचारियों के बीच टकराव बढ़ गया है। जबकि शक्ति भवन पर धरना के दौरान ही कर्मचारी संघ ने साफ कर दिया था, कि हम लोग 22 नवंबर को कार्य बहिष्कार और 29 नवम्बर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेगें। अगर यह कर्मचारी कार्य बहिष्कार गए तो जनता का बिजली बाधित होने से परेशान होना निश्चित है।
अभी तक सरकार और ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन की ओर से कोई वार्ता नहीं होने के बाद कर्मचारी संघ ने ऊर्जा मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। इस के साथ ही संघ ने यह भी कहा अगर हमसे कोई वार्ता नहीं की गई तो हम लोग अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 22 नवंबर को कार्य बहिष्कार और 29 नवम्बर से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार करेगें। यह सभी कार्यक्रम इस धरने से पहले ही कर्मचारी संघ ने घोषित किए थें।
कर्मचारी संघ ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधन और चेयरमैन पर ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण पैदा करने का आरोप लगाते हुए कहा, कि विद्युत कर्मचारी संघ ने 27 अक्टूबर को प्रबंधन से मिलकर समस्याओं के समाधान हेतु पत्र दिया था। जिस पर अब तक ऊर्जा निगमों की और से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई, इसके विपरीत ऊर्जा निगम प्रबंधन दुष्प्रचार कर रहा है, कि कर्मचारी संघ वार्ता के लिए तैयार नहीं है, जो पूरी तरह झूठ है।
17 नवंबर को धरने के दिन 1 दिन पूर्व कुछ संगठनों को अलग से ऊर्जा निगमों के प्रबंधन पर वार्ता हेतु बुलाएं जानें का आरोप भी लगाया है। इन संगठनों ने प्रबंधन की इस वार्ता का बहिष्कार किया और नही गए। इसके साथ ही कर्मचारी संघ के पदाधिकारी ने कहा, कि ऊर्जा निगमों के प्रबंधन को सयुक्त कर्मचारी संघर्ष समिति को वार्ता के लिए बुलाया जाना चाहिए, जिसके लिए हम तैयार हैं।