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मणि मंजरी केस: पहेली बनता जा रहा मामला, सामने आ रहे एक के बाद एक नए पहलू

मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत का मामला एक पखवारा बाद भी अबूझ पहेली बना हुआ है । मणि मंजरी ने आखिरकार सुसाइड क्यों किया, पुलिस अब तक इस राज से पर्दा उठा पाने में नाकाम रही है ।

Newstrack
Published on: 21 July 2020 10:49 AM GMT
मणि मंजरी केस: पहेली बनता जा रहा मामला, सामने आ रहे एक के बाद एक नए पहलू
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बलिया: मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी की मौत का मामला एक पखवारा बाद भी अबूझ पहेली बना हुआ है । मणि मंजरी ने आखिरकार सुसाइड क्यों किया, पुलिस अब तक इस राज से पर्दा उठा पाने में नाकाम रही है । घटना के तकरीबन 15 दिन बाद जिला प्रशासन ने मनियर नगर पंचायत के अभिलेखों का सत्यापन करने को लेकर पहल किया है ।

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मनियर नगर पंचायत की अधिशासी अधिकारी मणि मंजरी राय ने गत 6 जुलाई की रात्रि बलिया शहर में स्थित आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या किया था। उनकी मौत को तकरीबन 15 दिन हो गए , लेकिन आज तक पुलिस इस मौत के पीछे के कारणों से पर्दा उठा पाने में नाकाम ही रही है । मणि मंजरी ने मौत के समय एक सुसाइड नोट छोड़ा था । जिस पर लिखा है ' सारी भैया , सारी मम्मी पापा । दिल्ली बनारस हर जगह से खुद को संभालकर आ गई , लेकिन यहां आकर मेरे साथ बहुत छलावा हुआ । मुझे फसाया गया पूरी रणनीति के तहत । मुझे माफ कर दीजिए । सवाल यह है कि मणि मंजरी को किसने फंसाया । किसने उसके साथ छलावा किया । इस सवाल का जबाब किसी पुलिस अधिकारी के पास नहीं है । गाजीपुर जिले के भांवरकोल थाना क्षेत्र के कनुवान ग्राम के रहने वाले विजया नन्द राय ने घटना के दो दिन बाद बलिया शहर कोतवाली में भारतीय दंड विधान की धारा 306 ( आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करना ) में मनियर नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता, सिकंदरपुर नगर पंचायत के मौजूदा अधिशासी अधिकारी संजय राव ,टैक्स लिपिक विनोद सिंह , कम्प्यूटर ऑपरेटर अखिलेश , एक अन्य व कुछ अज्ञात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था ।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने के बाद इसकी विवेचना पुलिस अधीक्षक कार्यालय के क्राइम ब्रांच में कार्यरत एक निरीक्षक को सौंपा । क्राइम ब्रांच में कार्यरत निरीक्षक ने अभी विवेचना को आगे बढ़ाया ही था कि उनसे विवेचना का दारोमदार लेकर शहर कोतवाल विपिन सिंह को विवेचना सौंप दिया गया । सवाल यह है कि जब शहर कोतवाल को ही विवेचना करना था तो फिर क्राइम ब्रांच में कार्यरत निरीक्षक को इसे पहले क्यों सौंपा गया । घटना के 15 दिन बाद पुलिसिया कार्रवाई पर नजर दौड़ाये तो पुलिस ने इस दौरान सी डी आर खंगाला । वाहन चालक चंदन वर्मा को कई दिन तक हिरासत में रखने के बाद गिरफ्तार किया । वाहन चालक से वृहद पूछताछ की गई । इस पूछताछ में कोतवाली से लेकर पुलिस विभाग के जिले के उच्च पदस्थ अधिकारी तक शरीक हुए । इसके बाद नायब तहसीलदार रजत सिंह से पूछताछ का सिलसिला चला ।

घटना के 15 दिन बाद भी नतीजा सिफर रहा । पुलिस अब तक वाहन चालक चंदन वर्मा के अलावा किसी अन्य आरोपी को गिरफ्तार नही कर सकी है । पुलिस सी डी आर खंगालने के बाद किसी नतीजे पर पहुँचने में असफल ही रही है । सी डी आर की छानबीन में मणि मंजरी की नायब तहसीलदार रजत सिंह से बातचीत का प्रमाण अवश्य मिला है , लेकिन केवल बातचीत के आधार पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुँचना सम्भव नही है । वाहन चालक चंदन वर्मा ने पुलिसिया हिरासत में नायब तहसीलदार रजत सिंह को लेकर चौंकाने वाली कुछ जानकारी अवश्य दी है , लेकिन पुलिसिया हिरासत में लिया गया यह बयान न्यायालय में टिक पायेगा ?

मणि मंजरी के परिजन घटना के बाद से ही आरोप लगाते रहे हैं कि मणि मंजरी पर नगर पंचायत अध्यक्ष द्वारा गलत कार्य को लेकर दबाव बनाया जा रहा था । इस आरोप की पुष्टि को लेकर अब तक पुलिस एक कदम भी आगे नही बढ़ सकी है । पुलिस ने अब तक नगर पंचायत से सम्बंधित अभिलेखों को खंगालने का कार्य नही किया है और न ही अभिलेखों को अपने कब्जे में ही लिया है । शहर कोतवाल विपिन सिंह ने आज न्यूजट्रैक से कहा कि पुलिस मामले के सच तक पहुँच गई है , पांच दिन का समय दीजिए , सारा सच सामने आ जायेगा । शहर कोतवाल के इस दावे पर भरोसा किया जाय भी तो कैसे ? बगैर अभिलेखों के सत्यापन क्या इस पुलिसिया दावे पर कोई यकीन कर सकता है ।

जिला प्रशासन ने मणि मंजरी की तेरहवीं के बाद मुख्य विकास अधिकारी बद्री नाथ सिंह को मनियर नगर पंचायत के कार्यालय का ताला तुड़वाने व अभिलेख पुलिस को हस्तगत कराने की जिम्मेदारी सौंपी है । मुख्य विकास अधिकारी की मौजूदगी में पुलिस मणि मंजरी के कार्यकाल के अभिलेखों को प्राप्त करेगी । उधर पुलिस को मोबाइल के जांच रिपोर्ट का भी बेसब्री से इंतजार है । पुलिस को भरोसा है कि अत्याधुनिक तकनीक के जरिये मोबाइल से डिलीट किये गये काल रिकार्डिंग व मैसेज को फिर से प्राप्त कर इस मामले का आसानी से खुलासा किया जा सकता है ।

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घटना के आरोपियों की गिरफ्तारी भी पुलिस के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है । पुलिस ने आरोपियों पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत आधा दर्जन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है , लेकिन पुलिस अब तक आरोपियों के वास्तविक लोकेशन की जानकारी तक नही प्राप्त कर सकी है । पुलिस ने आरोपी नगर पंचायत अध्यक्ष भीम गुप्ता की गिरफ्तारी के लिये शासित दल से जुड़े नेताओं से भी सम्पर्क साधा है।

अनूप कुमार हेमकर -बलिया

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