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योगी जी! देखिए, अत्याचार से तंग आकर सैंकड़ों दलितों ने कर लिया धर्म परिवर्तन
सहारनपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज द्वारा धर्म परिवर्तन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुजफ्फरनगर में भी बुधवार को बड़ी संख्या में दलित समाज ने बौध धर्म की दीक्षा लेते हुए धर्म परिवर्तन कर लिया।
मेरठ/मुजफ्फरनगर: सहारनपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश में लगातार दलित समाज द्वारा धर्म परिवर्तन का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। मुजफ्फरनगर में भी बुधवार को बड़ी संख्या में दलित समाज ने बौध धर्म की दीक्षा लेते हुए धर्म परिवर्तन कर लिया।
धर्म परिवर्तन करने वाले दलित समाज के लोगों का कहना है की सालों से दलितों का उत्त्पीडन होता चला आ रहा है। दलित को और दलित बनाया जा रहा है।
सहारनपुर में हुई जातीय हिंसा में दलितों के साथ अत्याचार ही नहीं, बल्कि भेदभाव कर सरकार ने दलित पीड़ितों की कोई आर्थिक और कानूनी मदद नहीं की।
क्या है मामला ?
दरसअल मामला मुजफ्फरनगर के चरथावल थाना क्षेत्र के गांव न्यामू का है। जहां रविदास मंदिर में गांव के सैकड़ो दलित समाज के परिवार ने दलित समाज छोड़ बौध धर्म की दीक्षा लेकर धर्म परिवर्तन कर लिया।
जिसमें महिलाएं, पुरुष और युवाओं ने बढ़चढ़ कर भाग लिया। धर्म परिवर्तन करने वाले दलित लोगों का कहना है कि दलितों पर हो रहे अत्याचार पर सरकार और जिला प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
दलितों के विकास के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया
सहारनपुर में हुई हिंसा में दलित समाज पर एक तरफा कार्यवाही की गई। उनके घर जला दिए गए और उनके ऊपर ही एफआईआर दर्ज कर दी गई। दलित से बौध धर्म अपनाने वाले ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने सीएम योगी को एक ज्ञापन भी भेजा था।
उसमे कहा गया था कि सरकार अगर दलितों पर एक तरफ़ा कार्यवाही करेगी तो सभी दलित समाज के लोग धर्म परिवर्तन के साथ साथ जेल भरो आंदोलन चलाएंगे।
सरकार ने हनारी नहीं सुनीं इसलिए सैकड़ो दलित समाज ने बौध धर्म की दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म अपना लिया है। देश को आजाद हुए 70 साल हो गए लेकिन दलित आज भी दलित है। इनके विकास के लिए सरकार ने कुछ नहीं किया।