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Bulandshahr News: बेटे की बकाया फीस के लिए जमा करा ली पिता की बाइक, फिर दिया बोर्ड परीक्षा प्रवेश पत्र
Bulandshahr News: स्कूल-प्रशासन ने पिता की बाइक गिरवीं रखने के बाद ही छात्र को प्रवेश पत्र दिया। इसके बाद ही वह इंटर सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देने जा सका।
Bulandshahr News: यूपी के बुलंदशहर में बेटे की स्कूल फीस जमा न कर पाने पर स्कूल प्रशासन ने छात्र का बोर्ड परीक्षा का प्रवेश पत्र नहीं दिया। स्कूल-प्रशासन ने पिता की बाइक गिरवीं रखने के बाद ही छात्र को प्रवेश पत्र दिया। इसके बाद ही वह इंटर सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देने जा सका। मामला जनपद के स्याना क्षेत्र के मैपल ग्रोव वर्ल्ड स्कूल का है। स्कूल द्वारा छात्र के अभिभावक को बनाया फीस का पर्चे पर हिसाब बनाकर दिया गया, जिसमें बाइक स्कूल में रखे जाने की बात लिखी गई। स्कूल की मोहर लगा बाइक गिरवी रखने का हिसाब किताब का पर्चा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
जानिए क्या है पूरा मामला
स्याना निवासी ज्ञानेंद्र वशिष्ठ का पुत्र जितेंद्र वशिष्ठ मैपल ग्रोव वर्ल्ड स्कूल स्याना में इंटर में पढ़ता है, सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी चल रही हैं। ज्ञानेंद्र वशिष्ठ स्कूल में समय से अपने पुत्र की फीस जमा नहीं कर पाए थे। आरोप है कि फीस जमा कराने के लिए स्कूल संचालक ने छात्र का बोर्ड का परीक्षा प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया। पिता के पास पैसे नहीं थे बेटे की पढ़ाई भी जरूरी थी। बोर्ड की परीक्षा छूट जाती तो बच्चे का भविष्य अंधकार में हो सकता था। बच्चे के भविष्य के लिए पिता ने अपनी बाइक ही दांव पर लगा दी।
आरोप है कि बेटे की फीस जमा करने की एवज में स्कूल संचालक ने छात्र के पिता की बाइक ही गिरवी रख ली और फिर हिसाब किताब का पर्चा बनाकर छात्र के पिता को सौंप दिया। पर्ची पर बाकायदा स्कूल की मोहर लगाई गई और उसमें बाइक को स्कूल में रखे जाने का भी उल्लेख किया गया। पर्ची पर बाकायदा बाइक का नंबर भी अंकित किया गया है।
बकाया थे 15 हजार रुपए
स्कूल प्रशासन द्वारा फीस की एवज में छात्र के पिता की बाइक गिरवी रखने के हिसाब का पर्चा सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। छात्र के चाचा सचिन वशिष्ठ ने बताया कि स्कूल प्रशासन ने पूरे साल की फीस 49900 में 15400 रुपये बकाया होने की बात कहते हुए प्रवेश पत्र देने से इनकार कर दिया था। ज्ञानेंद्र वशिष्ठ ने रुपये का अभाव होने के कारण अंक तालिका के समय बकाया फीस जमा कराने की बात कही थी, लेकिन स्कूल प्रशासन ने साफ इंकार कर दिया। शुक्रवार से इंटरमीडिएट की परीक्षा शुरू होने के कारण प्रवेश पत्र लेना जरूरी था। पीड़ित ज्ञानेंद्र वशिष्ठ ने अब डीएम से स्कूल के खिलाफ विधिक कार्यवाही कराने की मांग की है।
स्पष्टीकरण तलब कर की जायेगी कार्रवाई -डीआईओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक शिव कुमार ओझा ने बताया कि मामला संज्ञान में आया हैं। मामले की जांच करायी जा रही है। फीस की एवज में बाइक गिरवी रखना और प्रवेश पत्र देने के लिए फीस जमा करने का दबाव बनाना अनुचित है। स्कूल प्रशासन से स्पष्टीकरण तलब कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
पहले बने अनभिज्ञ, फिर बोले हुई साजिश
मामले को लेकर स्कूल के प्रबंधक अभिषेक कुमार ने पहले तो मामले को लेकर मीडियाकर्मियों से अनभिज्ञता जताई, लेकिन बाद में दवा किया कि स्कूल प्रशासन द्वारा बाइक गिरवी रखने के लिए नहीं कहा गया था। छात्र के पिता ने स्वेच्छा से बाइक गिरवी रखने को कहा था। दावा किया कि स्कूल की छवि बिगड़ने के लिए साजिश रची गई है।