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मेरठ: सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली शहीद अजय की अंतिम यात्रा
पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन में शहीद हुए मेरठ के सिपाही अजय कुमार की अंतिम यात्रा आज सुबह सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली। कल देर रात मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे शहीद के पार्थिव शरीर को आज सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ पश्चिम यूपी सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पीएस साई, मिलिट्री हॉस्पिटल के कमांडेंट ब्रिगेडियर एससी गुप्ता और 18 गढ़वाल के कमान अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी।
मेरठ: पुलवामा में आतंकी हमले के बाद सेना की ओर से चलाए जा रहे ऑपरेशन में शहीद हुए मेरठ के सिपाही अजय कुमार की अंतिम यात्रा आज सुबह सैन्य सम्मान के साथ छावनी से निकली। कल देर रात मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे शहीद के पार्थिव शरीर को आज सुबह पूरे सैन्य सम्मान के साथ पश्चिम यूपी सब एरिया कमांडर मेजर जनरल पीएस साई, मिलिट्री हॉस्पिटल के कमांडेंट ब्रिगेडियर एससी गुप्ता और 18 गढ़वाल के कमान अधिकारी ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। सैन्य धुन के साथ शस्त्र सलामी दी गई।
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इसके बाद यहां से शहीद का पार्थिव शरीर शरीर अंतिम यात्रा के लिए निकाला गया। भारत माता की जयकारे और शहीद अजय कुमार अमर रहे के नारे के साथ उन्हें सेना के वाहन में रखकर मिलिट्री अस्पताल से रवाना किया गया। शहीद के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी सेना के 18 गढ़वा रेजीमेंट को दी गई है। पूरी व्यवस्था को रेजीमेंट के कमान अधिकारी स्वयं देख रहे हैं।
अंतिम यात्रा निकलने के बाद रास्ते में जहां भी लोगों ने शहीद का नाम देखा वहां भारत माता के जयकारे और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए सलामी दी। रास्ते पर साइकिल, वाहन और मोटरसाइकिल से जाते हुए भी लोगों ने सलामी दी और शहादत को नमन किया। हर चौराहे पर खड़े लोगों ने शहीद का नाम देखा और भीगी पलकों के साथ प्रणाम किया।
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शहीद अजय कुमार के अंतिम यात्रा के लिए रूट को लेकर परिजन और एसपी ट्रैफिक में खींचतान भी नजर आई। एसपी ट्रैफिक अंतिम यात्रा को जानी से लेकर जाना चाहते थे जबकि परिजन मोदीनगर से होते हुए पतला की ओर जाने की मांग कर रहे थे। परिजनों का कहना था कि मोदी नगर में लोग अंतिम यात्रा का इंतजार करेंगे इसलिए वाहनों को उसी रास्ते पर ले जाया जाए। काफी खींचतान और बातचीत के बाद सेना के अधिकारियों ने एसपी ट्रैफिक से अंतिम यात्रा को मोदीनगर होकर ही ले जाने की सलाह दी और वहीं से होकर अंतिम यात्रा उनके घर तक पहुंची।
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