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सामूहिक हत्याकांड : BJP विधायक अशोक चंदेल समेत 3 ने कोर्ट में किया सरेंडर

इस मामले की जांच के बाद विशेष न्यायाधीश भी सेवा से बर्खास्त किये गये थे। यह मामला हाईकोर्ट इलाहाबाद की डबल बेंच में गया। जिस पर पिछले माह की 19 तारीख को सदर विधायक समेत नौ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी।

Shivakant Shukla
Published on: 13 May 2019 7:22 PM IST
सामूहिक हत्याकांड : BJP विधायक अशोक चंदेल समेत 3 ने कोर्ट में किया सरेंडर
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जनपद में हुए सामूहिक हत्याकांड मामले में उम्रकैद के सजा का आरोपित भाजपा विधायक अशोक सिंह चंदेल ने सोमवार को डीजे कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। विधायक के साथ रघुवीर सिंह व उसके पुत्र डब्बू सिंह ने भी अदालत में आत्मसमर्पण किया है।

इससे पहले आज सुबह हत्याकांड में आरोपित नशीम और भान सिंह ने अदालत में सरेंडर किया। विधायक अशोक चंदेल समेत तीनों आरोपित करीब बीस किमी दूर कुरारा क्षेत्र से काफिले के साथ यहां आये और वह सीधे जिला सत्र न्यायालय परिसर पर दाखिल हो गये। पुलिस उन्हें सिर्फ देखती रही। उनके काफिले में शामिल कई लग्जरी गाडिय़ों में विधायक लिखा था।

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बता दें कि 22 साल पहले 26 जनवरी 1997 की देर शाम हमीरपुर शहर के सुभाष बाजार स्थित नसीम बन्दूक वाले की दुकान के सामने सामूहिक हत्याकांड हुआ था। जिसमें राजीव शुक्ला के बड़े भाई राजेश शुक्ला, राजेश शुक्ला, भतीजा गुड्डा, श्रीकांत पाण्डेय व वेदप्रकाश की हत्यायें हुयी थी। इस घटना में राजीव शुक्ला व रविकांत पाण्डेय भी गोली लगने से घायल हुये थे।

सामूहिक हत्याकांड में सदर विधायक अशोक सिंह चंदेल, श्याम सिंह पुत्र बीरबल सिंह निवासी सुमेरपुर, साहब सिंह, झंडू सिंह अरख निवासी पचखुरा खुर्द सुमेरपुर, विधायक का ड्राइवर रुक्कू निवाली खालेपुरा हमीरपुर, रघुवीर सिंह, डब्बू सिंह पुत्र रघुवीर सिंह निवासी मुहाल हाथी दरवाजा हमीरपुर, प्रदीप सिंह पुत्र शिवनाथ सिंह निवासी हमीरपुर, उत्तम सिंह, भान सिंह एडवोकेट व नसीम के अलावा अन्य नामजद किये गये थे। मुकदमे के दौरान झंडू सिंह अरख की मौत हो चुकी है। जबकि रुक्कू पूर्व से ही आजीवन कारावास की सजा में हमीरपुर जेल में बंद है।

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इस मामले में फरार होने पर अदालत ने विधायक अशोक सिंह चंदेल को भगौड़ा घोषित किया था। बाद में इन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया था। अदालत न उसी दिन बेल देकर रिहा कर दिया था। जिस पर न्यायाधीश आरबी लाल सेवा से बर्खास्त हुये थे। इसके बाद विशेष न्यायाधीश अश्वनी कुमार ने इतने बड़े मुकदमे की सुनवाई करते हुये सभी आरोपितों को बरी कर दिया था।

इस मामले की जांच के बाद विशेष न्यायाधीश भी सेवा से बर्खास्त किये गये थे। यह मामला हाईकोर्ट इलाहाबाद की डबल बेंच में गया। जिस पर पिछले माह की 19 तारीख को सदर विधायक समेत नौ दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी। डबल बेंच का आदेश हमीरपुर अदालत में कई दिनों बाद आया। जिसके बाद सभी दोषियों की गिरफ्तारी के लिये गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था।



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