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UP राज्यसभा चुनाव का गणित: जानिए सपा-भाजपा को मिलेंगी कितनी सीटें, 11वीं सीट पर होगा कड़ा मुकाबला

UP Rajya Sabha Elections: चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 57 सीटों के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 राज्यों की इन सीटों के लिए 10 जून को मतदान कराया जाएगा।

Anshuman Tiwari
Published on: 12 May 2022 10:33 PM IST (Updated on: 23 May 2022 12:57 PM IST)
Mathematics of UP Rajya Sabha elections, know how many seats SP-BJP will get, there will be a tough fight on 11th seat
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UP राज्यसभा चुनाव: Photo - Social Media

UP Rajya Sabha Elections: चुनाव आयोग (election Commission) ने राज्यसभा की 57 सीटों के लिए तारीख का ऐलान कर दिया है। 15 राज्यों की इन सीटों के लिए 10 जून को मतदान कराया जाएगा। इनमें सबसे ज्यादा सीटें उत्तर प्रदेश में खाली हो रही हैं। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटें खाली हो रही हैं। ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि उत्तर प्रदेश की 11 राज्यसभा सीटों पर क्या चुनावी समीकरण होगा।

2022 के विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में भाजपा (BJP) ने लगातार दूसरी बार उत्तर प्रदेश की सत्ता पर कब्जा किया है। हालांकि 2017 की अपेक्षा भाजपा गठबंधन (BJP alliance) की सीटों में कमी आई है मगर फिर भी यह गठबंधन अभी भी काफी ताकतवर बना हुआ है। चुनावी नतीजों के मुताबिक प्रदेश की 7 सीटों पर भाजपा की जीत तय मानी जा रही है जबकि 3 सीटों पर सपा गठबंधन का जीतना तय है। प्रदेश में राज्यसभा की 11वीं सीट के लिए भाजपा और सपा गठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होगा और ऐसे में दूसरे दलों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।

भाजपा और सपा गठबंधन की ताकत

चुनाव आयोग की तरफ से राज्यसभा चुनाव के संबंध में 24 मई को अधिसूचना जारी की जाएगी और 10 जून को मतदान का काम संपन्न होगा। उत्तर प्रदेश में जिन 11 सीटों पर चुनाव होंगे, उनमें से 5 पर भाजपा, 3 पर सपा, 2 पर बसपा और एक पर कांग्रेस का कब्जा था। प्रदेश में इस बार 7 चरणों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले 255 सीटों पर जीत हासिल की है। सहयोगी दलों के साथ भाजपा गठबंधन के पास 273 सीटें हैं।

दूसरी और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने अकेले 111 सीटों पर विजय हासिल की है। राष्ट्रीय लोकदल के खाते में 8 सीटें हैं जबकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 6 सीटों पर जीत हासिल की है। इस तरह सहयोगी दलों को मिलाकर सपा गठबंधन के पास 125 सीटों की ताकत है। इस बार के चुनाव में बसपा और कांग्रेस जैसे मजबूत दलों की ताकत काफी घट चुकी है। इसलिए राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा और सपा गठबंधन के बीच ही मुकाबला होगा।

भाजपा गठबंधन की 7 सीटें पक्की

उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की जिन 11 सीटों के लिए 10 जून को मतदान होगा, उनमें से प्रत्येक सीट पर जीत हासिल करने के लिए उम्मीदवार को 37 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। भाजपा गठबंधन के पास 273 सीटों की ताकत होने के कारण इस गठबंधन को 7 सीटों पर आसानी से जीत मिलना तय है। सपा गठबंधन के पास 125 सीटों की ताकत होने के कारण इस गठबंधन की 3 सीटों पर आसानी से जीत पक्की है। ऐसे में राज्यसभा की 11वीं सीट के लिए दोनों गठबंधन के बीच असली मुकाबला होगा।

11वीं सीट के लिए दूसरे दल हुए अहम

राज्यसभा की 11वीं सीट पर जीत हासिल करने के लिए दोनों गठबंधन को दूसरे दलों के मदद की जरूरत होगी। ऐसी स्थिति में कांग्रेस (Congress), राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बसपा की भूमिका काफी महत्वपूर्ण हो जाएगी। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी शर्मनाक रहा है और उसे सिर्फ 2 सीटों पर जीत हासिल हुई है। राजा भैया ने प्रतापगढ़ में अपनी ताकत एक बार फिर दिखाते हुए 2 सीटों पर जीत हासिल की है। एक समय अपने दम पर उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने वाली बसपा तो सिर्फ एक सीट पर ही सिमट गई है।

किसको मिलेगा किसका समर्थन

भाजपा गठबंधन को कांग्रेस का समर्थन मिलना नामुमकिन माना जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस का समर्थन सपा गठबंधन की ओर जा सकता है। उधर राजा भैया के रिश्ते सपा मुखिया अखिलेश यादव से काफी तल्ख हो चुके हैं। चुनाव के दौरान भी दोनों के बीच तनातनी की खबरें सामने आई थीं। ऐसे में राजा भैया का समर्थन भाजपा गठबंधन को मिल सकता है।

बसपा मुखिया मायावती (BSP chief Mayawati) का क्या रुख होगा, यह तो भविष्य के गर्भ में है मगर सपा से गठबंधन टूटने के बाद वे सपा पर तीखे हमले करते रहे हैं। सपा की ओर से उन्हें भाजपा की बी टीम बताया जाता रहा है। ऐसे में उनका समर्थन भी भाजपा गठबंधन के साथ जा सकता है। सियासी जानकारों का मानना है कि 11वीं सीट के लिए वोट का मैनेजमेंट ही बड़ी भूमिका निभाएगा और इस मामले में भाजपा गठबंधन सपा पर भारी पड़ता दिख रहा है।



Shashi kant gautam

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