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Sri Krishna Janmabhoomi: श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह जमीनी विवाद पर कोर्ट का बड़ा आदेश, अमीनी सर्वे पर लगी रोक
Sri Krishna Janmabhoomi Dispute: मथुरा कोर्ट ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद जमीन विवाद में 05 अप्रैल को बढ़ा आदेश दिया है। अदालत ने शाही ईदगाह के अमीनी सर्वे के आदेश पर रोक लगा दी है।
Sri Krishna Janmabhoomi Dispute: श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह (Shahi Eidgah Mosque, Mathura) जमीनी विवाद में बुधवार (05 अप्रैल) को अदालत का बड़ा आदेश आया है। कोर्ट ने शाही ईदगाह के अमीनी सर्वे (Amin Survey) के आदेश पर रोक लगा दी है। बता दें, हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की पिटीशन पर सीनियर डिवीजन कोर्ट ने अमीनी सर्वे का आदेश दिया था। लेकिन, अब रोक के बाद शाही ईदगाह के अमीनी सर्वे के लिए मौके पर अमीन नहीं जाएंगे।
फास्ट ट्रैक सिविल सीनियर डिवीजन कोर्ट के जज ने 05 अप्रैल को इस मामले पर सुनवाई की। न्यायाधीश ने अमीनी सर्वे पर रोक लगा दी। शाही ईदगाह के पक्षकार वकील तनवीर अहमद (Tanveer Ahmed) और नीरज शर्मा (Neeraj Sharma) ने इस संबंध में जानकारी दी। दरअसल, शादी ईदगाह के पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस पर रोक लगायी।
मामले की अगली सुनवाई 11 अप्रैल को
शाही ईदगाह के पक्षकार वकील तनवीर अहमद और नीरज शर्मा ने अदालत के फैसले की जानकारी मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि, इस मामले में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी। जिसमें तय किया जाएगा कि अमीनी सर्वे होगा या नहीं। इस संबंध में हिंदू सेना (Hindu Sena) के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अदालत में याचिका दाखिल की थी। याचिका में सीनियर डिवीजन कोर्ट ने अमीनी सर्वे का आदेश भी पारित किया था।
किस आदेश पर लगी रोक?
पिछले महीने 29 मार्च को अदालत ने शाही ईदगाह के अमीनी सर्वे का आदेश दिया था। जिस पर शाही ईदगाह के पक्षकारों ने फास्ट ट्रैक सिविल सीनियर डिवीजन कोर्ट के सामने अपनी याचिका दायर की। इसी पर 05 अप्रैल को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने 29 मार्च के फैसले पर रोक लगा दी। शाही ईदगाह का अमीनी सर्वे फ़िलहाल रोक दिया गया है। अमीन मौके पर नहीं जाएंगे। 29 मार्च की सुनवाई में को कोर्ट ने हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता के दावे में विवादित स्थल पर अमीन भेजकर नक्शा सहित रिपोर्ट तलब की थी। अमीन को 17 अप्रैल 2023 तक विवादित स्थल की नक्शा सहित रिपोर्ट अदालत को सौंपने को कहा था। कोर्ट ने 8 दिसंबर 2022 को दिए गए आदेश के अनुपालन में ये निर्देश दिया था।