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21 हजार किलो छप्पन भोग के साथ विराजे गिर्राज जी, दर्शन को उमड़ा विशाल जनसमूह
गोवर्धन: मथुरा से 21 किलोमीटर दूर गोवर्धन की गिरिराज तलहटी में हुए अलौकिक छप्पन भोग दर्शन की ऐसी आभा बिखरी कि श्रद्धालु सुध भुद खो प्रभु को एक टक निहारने को आतुर दिखे। चाँदी के विराट रथ पर सवार गिरिराज प्रभु को ऐरावत हाथी खींचता दिखा। दर्शन के लिए जनता का सैलाब उमड़ता रहा।
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आज हर कोई अपने प्रभु के दिव्य दर्शन को आतुर दिखा। और प्रभु प्रेम की दीवानगी ऐसी की जब घनघोर बारिश होने लगी उस दौरान उतनी ही तेज़ी से गिरिराज धरण की जय के जयकारे ऐसे लगे कि चमत्कार दिखा और इंद्र का मानमर्दन करते हुए गिरिराज प्रभु ने भक्तों बृजवासियों ग्वाल बालों के जय कारों को अंगीकार करते हुए इंद्र को चुप किया। और बारिश थाम दी। जब बारिश थमी तो श्रद्धालु भक्तिविभोर होकर नाचने झूमने लगे। कई श्रद्धालुओं के आंखों में खुशी और प्रेम के आँसू निकल आये। शहनाई की सुरीली धुन और ब्रज के रासलीला के बीच भक्त झूम झूम नृत्य करते दिखे।
21 हजार किलो छप्पन भोग के साथ विराजे गिर्राज जी, दर्शन को उमड़ा विशाल जनसमूह
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गिर्राज जी के इन अलौकिक दर्शन के लिए देर रात तक श्रद्धालुओं का रेला उमड़ता रहा। छप्पन भोग स्थल पर पहुंचने के लिए हर व्यक्ति आतुर दिखा। भक्त कैसी भी परेशानी उठा इन दर्शनों का मोह नहीं छोड़ पा रहे थे।
गिरिराज सेवा समिति के संस्थापक मुरारी अग्रवाल ने कार्यक्रम की विशेषता बताते हुए कहा कि 21 हज़ार किलो के 56 भोग के दर्शन भारत के इतिहास में पहली बार है। इस दुर्लभ क्षण का हर कोई साक्षी बनने को आतुर दिखा ये प्रभु के प्रति सबका प्रेम है।