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Mathura: यमुना का जलस्तर चेतवानी के निशान पर, पहाड़ों पर बारिश का घाटों पर दिख रहा असर
Mathura News: पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर मथुरा में देखने को मिल रहा है। यहां यमुना के जल में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मथुरा में यमुना का जल स्तर चेतावनी निशान से 1 मीटर से भी कम रह गया है।
Mathura News: पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर मथुरा में देखने को मिल रहा है। यहां यमुना के जल में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। मथुरा में यमुना का जल स्तर चेतावनी निशान से 1 मीटर से भी कम रह गया है। यमुना के जल स्तर में लगातार बढ़ोत्तरी होती रही तो यमुना चेतावनी के निशान को पार कर खतरे के निशान की तरफ बढ़ जाएगी। यमुना के बढ़ते जलस्तर को देख जिला प्रशासन ने भी सतर्कता बरत रहा है। जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया कि यमुना के जल स्तर में हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ कंट्रोल रूम बना दिया है।
जो कि 24 घंटे यमुना के बढ़ते जल स्तर पर नजर रख रहा है। गुरुवार सुबह 9 बजे मथुरा के प्रयाग घाट पर लगे निशान पर यमुना 164.57 मीटर को छू चुकी है । यहां चेतावनी का निशान 165.20 मीटर है। जबकि खतरे का निशान 166 मीटर है। मथुरा में बनाए गए कंट्रोल रूम का नंबर 0565 2470334 है।
जिला अधिकारी का पानी बढ़ने पर बयान
उन्होने बताया की बढ़ते जलस्तर को देखते हुए बाढ़ की कार्य योजना तैयार कर ली गई है । सिंचाई विभाग के अधिकारियों को प्वाइंट पर समय समय पर पैट्रोलिंग करने के निर्देश दे दिए गए हैं। ग्राउंड पर लगे कर्मचारी समय समय पर रिपोर्ट दे रहे हैं और जैसे हालात होंगे उसी तरह के कदम उठाए जाएंगे - जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल
घाटों को छुने लगा यमुना का जल
जल की कमी के कारण यमुना घाटों से दूर हो गई थी। लेकिन पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण बैराज से छोड़े गए जल बढ़ने के कारण यमुना का जल स्तर घाटों को छुने लगा है। मथुरा वृंदावन में 40 से ज्यादा घाट हैं। इनमें से अधिकांश से यमुना घाटों से दूर हो गई थी। हालांकि सावन महीने में यमुना के जल में हुई बढ़ोत्तरी से यमुना घाटों पर हिलोरे मारने लगी है।
जल स्तर बढ़ने से लोग होने लगे परेशान
यमुना के जल में हो रही बढ़ोत्तरी से जहां एक तरफ यमुना भक्त खुश, वहीं यमुना किनारे रहने वाले लोग दहशत में है। हरियाणा के ताजेबाला और दिल्ली के ओखला बैराज से लगातार छोड़े जा रहे जल के कारण यमुना के जल में लगातार बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। जिसके कारण निचले इलाकों में रहने वाले लोग परेशान होने लगे हैं। अगर यमुना के जल में इसी तरह बढ़ोत्तरी होती रही तो निचले इलाके के लोगों को अपने घर छोड़ने पड़ सकते हैं।