×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

Mathura: मथुरा में यमुना में किया ब्राह्मणों ने स्नान, पूजा अर्चना कर बदला यज्ञोपवित

Mathura: रक्षा बंधन के दिन श्रावणी पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन ब्राह्मण समाज के लोग पवित्र नदी में स्नान कर पूजन अर्चना करते हैं और यज्ञोपवित बदलते हैं।

Nitin Gautam
Published on: 11 Aug 2022 2:42 PM IST
X

मथुरा में यमुना में किया ब्राह्मणों ने स्नान

Mathura: रक्षा बंधन के दिन श्रावणी पर्व भी मनाया जाता है। इस दिन ब्राह्मण समाज (brahmin society) के लोग पवित्र नदी में स्नान कर पूजन अर्चना करते हैं और यज्ञोपवित बदलते हैं। गुरुवार को मथुरा के वृंदावन में ब्राह्मण बंधुओं ने यमुना स्नान कर पूजन अर्चना किया और नया यज्ञोपवित धारण किया। इस पर्व में मथुरा वृंदावन से विधायक श्री कांत शर्मा ने भी सहभागिता की और यमुना स्नान किया।

केशीघाट पर किया यमुना स्नान

श्रावणी पर्व पर डेढ़ सौ से दो सौ ब्राह्मण समाज के लोगों ने वृंदावन स्थित केशीघाट पर यमुना स्नान कर पूजन अर्चन किया। ब्रह्मण समाज के लोगों ने करीब दो घंटे तक यमुना में खड़े हो कर विभिन्न मंत्रों के बीच श्रावणी पर्व को लेकर पूजा अर्चना की।

श्रद्धा भाव और उत्साह से मनाया श्रावणी उपकर्म पर्व

आचार्य पंडित नरोत्तम लाल सेवा संस्थान (Acharya Pandit Narottam Lal Seva Sansthan) एवं श्री राधा कांत मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में आचार्य पंडित विष्णु कांत शास्त्री याज्ञिक सम्राट के आचार्यत्व में केसीघाट वृंदावन पर श्रावणी उपाकर्म पूजा विधि विधान से आयोजित की गई। जिसमें मुख्य रूप से मथुरा वृंदावन के विधायक पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने भी सहभागिता की तथा इस पर्व को प्रकृति का पर्व बताया।

जाने अनजाने पापों से मिलती है मुक्ति

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जगतगुरु श्री रामानुजाचार्य अनिरुद्ध आचार्य महाराज ने इसे विप्र मात्र के लिए अनिवार्य पूजा बताया तथा कहा इस पूजा से वर्ष भर में किए गए जाने अनजाने समस्त पापों का विनाश हो जाता है तथा विप्रप्त की उपलब्धि होती है। याज्ञिक रत्न आचार्य विष्णुकांत शास्त्री ने विधि विधान से ब्राह्मणों के द्वारा तीर्थ प्रणाम हेमाद्री संकल्प तथा दसविध स्नान एवं गण स्नान के अंतर्गत सर्व औषधी, गौरज, गोबर, पंचगव्य, स्वर्ण फलोदक, मृतिका भस्म आदि से स्नान करवाया। इसके पश्चात ब्राह्मणों ने संध्या गायत्री जप देव ऋषि पितृ तर्पण तथा वेद मंत्रों का वाचन किया।

श्रावणी पूर्णिमा पर हुआ था भगवान हयग्रीव का प्राकट्य

आचार्य मृदुल कांत शास्त्री (Acharya Mridul Kant Shastri) ने बताया कि,इसके पश्चात श्री नरोत्तम पीठ ,श्री राधा कांत मंदिर में माता अरुंधति सहित सप्त ऋषि पूजन तथा वर्ष भर धारण किए जाने वाले यज्ञोपवीत का पूजन एवं उनकी सिद्धि ब्राह्मणों द्वारा की गई। श्रावणी पर्व पर अपने से बड़े ब्राह्मणों के लिए यज्ञोपवित प्रदान कर नूतन यज्ञोपवीत धारण किया गया। मृदुल कांत शास्त्री ने बताया आज ही भगवान श्री हयग्रीव का श्रवण नक्षत्र में प्राकट्य हुआ था तथा आज ही के दिन ब्राह्मणों के द्वारा वेदारंभ किया जाता है।

श्रावणी उपकर्म करने वालों में यह रहे उपस्थित

इस कार्यक्रम में दिल्ली, हाथरस तथा मथुरा सहित संपूर्ण ब्रज क्षेत्र के 300 से अधिक विद्वानों ने सहभागिता की। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से भागवताचार्य श्याम सुंदर गोस्वामी,देवेंद्र उपाध्याय,विनय त्रिपाठी,भाजपा नगर अध्यक्ष विनीत शर्मा,नागेश मिश्रा,रविशंकर मिश्रा,पंडित नरोत्तम चौबे,विजय शास्त्री,सुदामा प्रसाद,तिवारी,हरिचरण शास्त्री,बटन शास्त्री विश्वनाथ पारीक जी,गिरधारी मिश्रा,राहुल तिवारी,विष्णु तिवारी,सीताराम पांडे,हृदेश दुबे,गौरव शास्त्री,संजय नगायच,युगल किशोर जी,तपेश पाठक,दीपक पाराशर आदि ने सहभागिता की।



\
Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story