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Mathura News: मथुरा पुलिस नशेड़ी चूहों के आगे बेबस, गांजा की खेप न्यायालय के समक्ष रखने में असमर्थ
Mathura News: न्यायालय ने 26 नवंबर तक न्यायालय में इस बाबत साक्ष्य पेश करने के आदेश दिए हे और एसएसपी को भी इस संबंध में एक पत्र भेजा हे ।
Mathura News: योगी सरकार में यू पी पुलिस भले ही बदमाशो पर भारी पड़ती दिखाई दे रही हो लेकिन मथुरा में पुलिस नशेड़ी चूहों के आगे बेबस दिखाई दे रही है । यह हम नही बल्कि मथुरा के adj सप्तम के न्यायालय में मथुरा की थाना शेरगढ़ पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है । शेरगढ़ पुलिस की आख्या के बाद न्यायालय ने हाईवे थाने से भी रिपोर्ट मांगी जिस पर हाईवे थाने ने भी गांजा की खेप न्यायालय के समक्ष रखने में असमर्थता दिखाई । फिलहाल न्यायालय ने 26 नवंबर तक न्यायालय में इस बाबत साक्ष्य पेश करने के आदेश दिए हे और एसएसपी को भी इस संबंध में एक पत्र भेजा हे ताकि चूहों से गांजा के अलावा अन्य दस्तावेजों को भी बचाया जा सके ।
पूरा मामला शेरगढ़ और हाईवे थाना पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में 386 और 195 किलो गांजे के साथ पकड़े गए आरोपियों से जुड़ा है। इस मामले में पुलिस ने साक्ष्य के तौर पर सैंपल के रूप में गांजे को कोर्ट में पेश किया था। इस मामले में एडीजे सप्तम संजय चौधरी ने पुलिस को निर्देश दिया था कि गंजे के पैकेट को सील मुहर के साथ कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाए। इसके जवाब में पुलिस ने कहा है कि मालखाने में रखे गए गांजे को चूहे खा गए। लिहाजा गांजे की खेप को अदालत में पेश नहीं किया जा सकता।
पुलिस की तरफ से कोर्ट के समक्ष बेबसी जाहिर
इसके साथ ही पुलिस की तरफ से कोर्ट के समक्ष बेबसी भी जाहिर की गई है। पुलिस ने अपने जवाब में कहा है कि मालखाने में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां सामान को चूहों से बचाया जा सके। पुलिस की तरफ से दिए गए जवाब में कहा गया कि जो थोड़ा बहुत गांजा बच गया था उसे नष्ट कर दिया गया। इसके बाद कोर्ट ने एसएसपी को निर्देशित किया कि थाने के मालखाने में पल रहे चूहों पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाया जाए। अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी। इस मामले में जब अभियोजन पक्ष की तरफ से बात करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब नहीं मिला।