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Srikrishna Janmabhoomi Case: अयोध्या, काशी के बाद अब मथुरा को लेकर ASI के दावे ने मचाई हलचल, जानें क्या है पूरा मामला

Srikrishna Janmabhoomi Case:एक आरटीआई के जवाब में एएसआई की ओर से बताया गया कि मथुरा में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी।

Krishna Chaudhary
Published on: 4 Feb 2024 3:11 AM GMT
Srikrishna Janmabhoomi Case (Photo:Social Media)
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Srikrishna Janmabhoomi Case (Photo:Social Media)

Srikrishna Janmabhoomi Case. अयोध्या में रामजन्मभूमि – बाबरी मस्जिद विवाद का पटाक्षेप होने के बाद इसी तरह के दो अन्य चर्चित धार्मिक स्थलों के मामले इन दिनों सुर्खियों में हैं। काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर बने तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा का अधिकार मिलने पर हंगामा बरपा हुआ है। वहीं, मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि – शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर भी अदालती कार्यवाही में तेजी दिख रही है।

इस बीच मथुरा स्थित श्री कृष्ण मंदिर को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की ओर से एक बड़ा दावा किया गया है। एक आरटीआई के जवाब में एएसआई की ओर से बताया गया कि मथुरा में मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी। आज उसी मस्जिद के स्थान पर शाही ईदगाह मस्जिद मौजूद है। एएसआई के इस दावे ने हलमच मचा दी है।

एएसआई ने किस रिपोर्ट के आधार पर किया यह दावा ?

दरअसल, मैनपुरी के अजय प्रताप सिंह ने देशभर के हिंदू मंदिरों के बारे में सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी थी। इसमें मथुरा स्थित श्रीकृष्ण मंदिर की जानकारी भी शामिल है। पुरातत्व विभाग की ओर से इसका जवाब दिया गया। एएसआई ने भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान साल 1920 में प्रकाशित गजट का हवाला देते हुए दावा किया कि मस्जिद के स्थान पर पहले कटरा केशवदेव मंदिर था, जिसे मुगल शासक औरंगजेब के शासनकाल में ध्वस्त कर मस्जिद का निर्माण किया गया।

ASI के इस दावे को साक्ष्य बनाएगा कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास

एएसआई के ओर से दी गई इस जानकारी से हिंदू पक्ष उत्साहित है और उनका मानना है कि इससे कोर्ट में उनका दावा और मजबूत होगा। कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप ने बताया कि इसे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के सामने बतौर साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साल 1920 के गजट में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जगहों के 39 स्मारकों की जानकारी दी गई है, जिसमें 37वें नंबर पर कटरा केशव देव भूमि पर श्री कृष्ण भूमि का उल्लेख है।

गजट में लिखा है कि कटरा टीले पर पहले केशव देव मंदिर था, जिसे मस्जिद निर्माण के लिए ध्वस्त कर दिया गया। महेंद्र प्रताप ने कहा कि यह एक सरकारी गजट है, इससे सबकुछ स्पष्ट हो गया है। हम इसे सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करेंगे।

क्या है पूरा मामला ?

मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि – शाही ईदगाह मस्जिद विवाद 13.37 एकड़ जमीन के मालिकान हक से जुड़ा है। इसमें श्रीकृष्ण जन्मस्थान के पास 10.09 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है जबकि ढ़ाई एकड़ का मालिकाना हक शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। हिंदू पक्ष का कहना है कि शाही ईदगाह मस्जिद को अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है। इसलिए इस जमीन को कब्जे से मुक्त कर श्रीकृष्ण जन्मस्थान को सौंप देना चाहिए।

दरअसल, हिंदुओं का कहना है कि मुगल शासक औरंगजेब के जमाने में जिन हिंदू मंदिरों को नुकसान पहुंचाया गया, उनमें मथुरा का केशवदेव मंदिर भी है। औरंगजेब ने साल 1670 में भगवान केशवदेव मंदिर को तुड़वाने का फरमान जारी किया था। बाद में उसी जगह पर मस्जिद बना दी गई।

Krishna Chaudhary

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Content Writer

Krishna Chaudhary having four year experience of working in different positions during his Journalism. Having Expertise to create content in Politics, Crime, National and International Affiars.

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