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Mathura News: भीख मांगने वाली ‘हौली’ ने पूरे किये आजादी के 5 साल, समय के साथ हुए काफी बदलाव

Mathura News: पांच साल पहले साल 2018 में वन्यजीव संरक्षण एनजीओ वाइल्डलाइफ एसओएस हौली को लंबे समय तक देखभाल और उपचार के लिए मथुरा स्थित अपने हाथी अस्पताल परिसर में लाई थी|

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Newstrack Network
Published on: 27 Dec 2023 6:05 PM IST
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भीख मांगने वाली ‘हौली’ ने पूरे किये आजादी के 5 साल (न्यूजट्रैक)

Mathura News: सड़कों पर भीख मांगने की जिंदगी से बचाई गई मादा हथिनी ‘हौली’ अपनी आजादी के पांच वर्ष पूरे कर चुकी है। पांच साल पहले साल 2018 में वन्यजीव संरक्षण एनजीओ वाइल्डलाइफ एसओएस हौली को लंबे समय तक देखभाल और उपचार के लिए मथुरा स्थित अपने हाथी अस्पताल परिसर में लाई थी, जिससे उसे नए सिरे से जीवन जीने का अवसर प्रदान कर सकें।

हौली एक मादा हथिनी थी जो पूर्व में कैद के क्रूर जीवन से पीड़ित थी और उसे उत्तर प्रदेश की सड़कों पर भीख मांगने के लिए इस्तेमाल किया जाता था। जब उसको रेस्क्यू किया गया, तो वह एक वृद्ध हथिनी थी, जिसकी उम्र लगभग 60 वर्ष थी। पूर्ण रूप से नेत्रहीन, जोड़ों में घुमाव और पैरों में गंभीर गठिया रोग जैसी शारीरिक समस्याओं के कारण उसके बुढ़ापे की स्थिति और भी खराब हो गई थी। दृष्टिहीन होने के कारण, हौली को अपने नए परिवेश में ढलने में थोड़ा समय लगा। वाइल्डलाइफ एसओएस में कई महीनों तक वह लेटी नहीं, जोकि पशुचिकित्सकों के लिए चिंता का विषय था, क्योंकि उसके पैर इतने मजबूत नहीं थे कि वह इस असुविधा को झेल सके। हौली को नियमित रूप से दवा, लेजर थेरेपी और हाइड्रोथेरेपी प्रदान की गई। पानी ने उसके थके हुए पैरों और अंगों को राहत पहुंचाई। इन उपचार प्रक्रियाओं ने धीरे-धीरे हौली को ताकत हासिल करने में मदद की।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु चिकित्सा सेवाओं के उप निदेशक, डॉ. इलियाराजा ने कहा, “शुरुआत में, हौली को गठिया रोग की गंभीरता के कारण लंबी दूरी तक चलने में कठिनाई होती थी, और वह खड़े होकर सोना पसंद करती थी। लेकिन एक बार जब हमारी पशु चिकित्सा टीम ने पौष्टिक आहार के साथ-साथ उसके उपचार पर ध्यान देना शुरू किया, तो फिर उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। पांच सालों में, होली में काफी बदलाव आया है और आज उसका आत्मविश्वास भी बढ़ा है।

शारीरिक सुधार के अलावा, हौली के लिए मनोवैज्ञानिक उपचार भी उतना ही महत्वपूर्ण था। आज, उसकी हाथी अस्पताल परिसर में एक अन्य निवासी मादा हथनी कल्पना से बेहद गहरी दोस्ती है। दोनों हथनियों के बीच के बंधन और दोस्ती ने भी हौली के लिए ताकत के स्तंभ के रूप में काम किया है, जिसका असर उसकी मानसिक सुधार पर भी पड़ा है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “चिकित्सा उपचार, अन्य हाथियों की संगति और स्वस्थ पोषण के संयोजन से हौली का जीवन अब पहले से बेहतर है। शारीरिक घावों वाली हथनी की छवि अब हौली के लिए वास्तविकता नहीं है। यह सोचना काफी उल्लेखनीय है कि उसने हमारे साथ पांच साल पूरे कर लिए हैं।’’ वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव, गीता शेषमणि ने कहा, “पशुचिकित्सकों और देखभाल करने वालों की हमारी टीम ने हौली के साथ जो हासिल किया है वह असाधारण है। हौली का अतीत एक अंश मात्र है अब और आज वह अपने नए घर में प्यार, देखभाल और प्राकृतिक वातावरण से घिरी हुई है।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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