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Krishna Janmabhoomi Case: भगवान श्री कृष्ण का संरक्षक घोषित करने को लेकर नया दावा दाखिल

Mathura News: जिला जज की अदालत में आशुतोष पांडेय, महंत धर्मेंद्र गिरी, मनीष डाबर और करण शर्मा ने खुद को भगवान श्री कृष्ण का भक्त बताते हुए एक नया दवा दाखिल किया।

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Newstrack Network
Published on: 5 March 2024 4:48 PM IST
Krishna Janmabhoomi Case
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Krishna Janmabhoomi Case (Pic:Social Media)

Mathura News: श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामला लगातार सुर्खियों में छाया हुआ है। अब तक इस प्रकरण में 18 दावे दाखिल हो चुके हैं, जिन पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। आज जिला जज की अदालत में आशुतोष पांडेय, महंत धर्मेंद्र गिरी, मनीष डाबर और करण शर्मा ने खुद को भगवान श्री कृष्ण का भक्त बताते हुए एक नया दवा दाखिल किया। उन्होंने जिला जज से इस दावे के माध्यम से मांग की है कि भगवान श्री कृष्ण केशव देव का संरक्षक उत्तर प्रदेश सरकार जिलाधिकारी को बनाया जाए। वादी गणों ने इस दावे में भगवान श्री कृष्ण केशव देव को नाबालिक बताया है।

दावे के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण केशव देव जी पुत्र वासुदेव जी निवासी कंस कारागार जो वर्तमान में श्री कृष्ण जन्मभूमि विराजमान ठाकुर केशव देव जी मंदिर कटरा केशव देव मौजा मथुरा तहसील व जिला मथुरा जो न्यायिक व्यक्ति नाबालिक का संरक्षक नियुक्त किए जाने हेतु निम्नलिखित निवेदन करता है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली के एम सिद्दीकी बनाम महंत सुरेश दास 20201 एस सीसी पेज 266 में भगवान को कानूनी न्यायिक व्यक्ति माना है जिस आधार पर कानून के अनुसार भगवान श्री कृष्ण एक नाबालिक न्यायिक व्यक्ति हैं, जिसका संरक्षक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारी मथुरा न्यायायक संरक्षक उत्तरदाता है।

कोर्ट से खुद को भगवान का भक्त बताते हुए श्रद्धालु की तरफ से इस दावे को दाखिल किया गया है और निवेदन किया गया है कि जिलाधिकारी मथुरा न्यायिक संरक्षक उत्तरदाता को नाबालिक न्यायिक व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण केशव देव का संरक्षक नियुक्त किया जाए। साथ ही कहा गया है कि प्रस्तुत वाद का कारण श्री कृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि जिसका खसरा संख्या 255 नगर निगम में निर्धारित रजिस्टर क्रम संख्या 1 से 170 तक मकान संख्या 200/1 में नाबालिक न्यायिक व्यक्ति की पूजा पाठ को रोकने व उसके हितों की सुरक्षा के कारण विपक्षियों द्वारा करने में असमर्थता दिखाने से विवाद उत्पन्न हुआ था।

वहीं वादी आशुतोष पांडेय का कहना है कि भगवान श्री कृष्ण का संरक्षक घोषित करने को लेकर यह दवा दाखिल किया है और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिलाधिकारी को नोटिस भी जारी किया गया है। इस दावे से अगर कोर्ट ने भगवान श्री कृष्ण का संरक्षक घोषित कर दिया तो श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह के बीच हुए 1968 के समझौता शून्य हो जाएगा। इस दावे मे अब 18 मार्च को मथुरा कोर्ट मे सुनवाई होंगी और जिलाअधिकारी मथुरा को नोटिस जारी किया है।



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Durgesh Sharma

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