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Mathura: कान्हा की नगरी में बम-बम भोले की गूंज, भूतेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर शर्द्धालुओं की भीड़
Mathura News:मान्यता है कि कृष्ण और शिव एक ही है और कृष्ण की अनेकों अनेक लीलाओं का भगवान शिव ने दर्शन किए ।
Maha shivratri 2024 (फोटो: सोशल मीडिया )
Mathura News: आज हे महाशिवरात्रि और आज पूरे देश में इस पर्व को बड़े ही आस्था और उल्लास के साथ मनाया जा रहा हे । शिव रात्रि पर राधे राधे की नगरी मथुरा भी बम बम भोले के स्वरों से गुंजायमान हो रही है । मान्यता है कि कृष्ण और शिव एक ही है । और कृष्ण की अनेकों अनेक लीलाओं का भगवान शिव ने दर्शन किए ।
इस मौके पर भूतेश्वर स्थित भूतेश्वर मंदिर को शहर कोतवाल के नाम से जाना जाता है पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे वही पुलिसकर्मियों ने भी बड़ी संख्या में पहुंचकर पूजा अर्चना की और शहर कोतवाल के दरबार में हाजरी लगाई।
दरअसल, धर्म शास्त्रों के मुताबिक कृष्ण नगरी मथुरा कि सुरक्षा का भार भगवान शिव के कंधो पर है। शिव रात्रि के दिन जब भगवान शिव पार्वती से विवाह रचाने जाने लगे तो नगर कि सुरक्षा के लिए कृष्ण भगवान को शिव का रूप धारण करना पड़ा। तब से हर वर्ष शिव रात्रि के दिन भगवान कृष्ण को शिव के रूप में भक्तो को दर्शन देते है, और शहर कोतवाल की पूजा खुद पुलिसकर्मी करने आते है और मंगल कामना करते हैं।
वही, वृंदावन स्थित गोपेश्वर मंदिर में भी बड़ी संख्या में दूर दराज से शिव भक्त पहुंचे और बड़े ही भक्ति भाव के साथ अर्धनरेशवर रूप में विराजमान गोपीश्वर महादेव की पूजा अर्चना काट मनोकामना पूर्ण होने की कामना की ।
क्या है मान्यता?
मान्यता है कि जब भगवान कृष्ण राधा और अपनी सखियों संग वृंदावन में यमुना किनारे रासलीला कर रहे थे तब भगवान शिव और पार्वती दोनो ने रासलीला में प्रवेश करना चाहा लेकिन द्वारपालो ने पुरुष रूप होने के चलते भगवान शिव को रासलीला स्थल में प्रवेश नहीं करने दिया जिसके बाद भगवान शिव ने अर्धनारीश्वर गोपी रूप में श्रृंगार किया तब कही जाकर भगवान शिव को रासलीला के प्रवेश मिल सका तभी से भगवान शिव वृंदावन स्थित गोपीश्वर रूप में विराजमान है ।
कृष्ण नगरी में चार कोनों पर चार महादेव विद्यमान है और चारों ही महादेव पर महाशिवरात्रि पर भक्तों की अपार भीड़ उमडती है और जल दूध अन्य सामान से उनका अभिषेक कर मनोकामना पूर्ण होने की कामना करती हैं महाशिवरात्रि होने पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी जेहर लेकर पहुंची और उन्होंने मंगल गीत जाकर भगवान शिव को रिझाने का प्रयास किया ।