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Lathmar Holi 2024: बरसाना में लठमार होली की धूम, लाठियों की आवाज से गूंज उठा नंदचौक

Lathmar Holi 2024: ब्रज में इस समय होली की धूम मची हुई है। गोकुल के रमणरेती आश्रम में भगवान भक्त और संतों के बीच होली खेली गई ।

Mathura Bharti
Published on: 19 March 2024 10:28 PM IST
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बरसाना में लठमार होली की धूम, लाठियों की आवाज से गूंज उठा नंदचौक: Video- Newstrack

Lathmar Holi 2024: ब्रज में इस समय होली की धूम मची हुई है। गोकुल के रमणरेती आश्रम में भगवान भक्त और संतों के बीच होली खेली गई । बरसाना की लड्डू होली, बरसाना की लठ्ठमार होली के बाद आज कान्हा की नगरी नंदगांव में होली की मस्ती छाई रही । नंदगांव की हुरियारिन के साथ बरसाना के हुरियारों ने जमकर हंसी ठिठोली की और फिर हुरियारिनों ने मोटी मोटी लाठियों से बरसाना के हुरियारों को सबक सिखाया।

बता दें कि ये तस्वीरे नंदगांव की है जहां आज बरसाना में लड्डू होली तथा लठ्ठमार होली के बाद अब बारी नंदबाबा और श्रीकृष्ण के गाँव नंदगाँव में होली खेलने की थी । दरअसल, जब नंदगांव के हुरियारे बरसाना की हुरियारिनों के साथ लठमार होली खेलकर आते हैं तब नंदगांव के लोग फगुआ निमंत्रण देकर आते हैं जिसपर आज के दिन बरसाना के हुरियारे नंदगांव में होली खेलने जाते हैं। जहां बरसाने से आये हुरियारों की खबर नंदगाँव की हुरियारिनों ने जम कर लाठियां बरसा कर लीं ।

तस्वीरें गवाह हैं जहां पूरा का पूरा नंदचौक लाठियों की आवाज से गूंज उठा। हर कोई राधाकृष्ण कालीन होली का आनंद लेने के लिए बेताब था क्योंकि साल में होली एक बार आती है और साल भर के लिए लोगों को एक नई उमंग तरंग दे जाती है।

Photo- Newstrack

खूब पड़ी लाठियां

दरअसल, जब बरसाने से होली खेलने के लिए नंदगांव के हुरियारे आते हैं और होली खेल कर वापस जाते हैं तब फगुआ की रस्म को निभा कर आते हैं जिसके चलते दूसरे दिन यानी फागुन शुक्ल की दशमी को बरसाना वाले नंदगांव होली खेलने पहुंचते हैं । जिसमे फाग मांगने बरसाने से नंदगाँव आये हुरियारे सबसे पहले नंदगाँव के प्रमुख मंदिर पहुँच कर समाज गायन करते हैं। इस दौरान नंदगाँव की ग्वालन बरसाना के हुरियारों पर जमकर रंग बरसाती हैं और फिर सारे हुरियारे होली की रसिया गाते हुए नीचे नंद चौक में आते हैं जहां पर नंद गांव की हुरियारिन उनका इंतजार करती हैं और रसिया गाकर दोनों एक दूसरे को रिझाते हैं और फिर शुरू होती है साल भर से इंतजार करने वाली लट्ठमार होली ।



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Shashi kant gautam

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