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Raksha Bandhan 2023: सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए छात्राएं बनाएंगी राखी, किसी भी जवान का हांथ नहीं रहेगा सूना

Vrindavan News: साध्वी रितंभरा ने बताया कि इस उत्सव के द्वारा सेना के जवानों को यह संदेश जाता है कि देशवासियों का आभार उनके साहसिकता और बलिदान के प्रति हमेशा बना रहता है। रक्षाबंधन के महत्वपूर्ण त्योहार पर, लड़कियाँ देश के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर जाकर सैनिकों के भाई के रूप में राखी बांधेंगी।

Mathura Bharti
Published on: 27 Aug 2023 4:12 PM GMT

Raksha Bandhan 2023: राष्ट्रीय सुरक्षा में अपने प्राणों की बलिदान करने वाले भारतीय सैनिकों का त्याग और समर्पण देशवासियों के लिए गर्व की बात है। उनकी वीरता का सम्मान करते हुए राष्ट्रीय रक्षा सूत्र उत्सव का आयोजन वृंदावन के वात्सल्य ग्राम स्थित संविद गुरुकुलम स्कूल में किया गया। जिसमे स्कूल की छात्राओं द्वारा बनाई गई राखियों को अटारी बार्डर पर भेजा जाएगा। इनको सैनिक भाईयो के हाथो पर बांधकर उनको अपनेपन का एहसास कराएंगी।

साध्वी रितंभरा ने बताया कि इस उत्सव के द्वारा सेना के जवानों को यह संदेश जाता है कि देशवासियों का आभार उनके साहसिकता और बलिदान के प्रति हमेशा बना रहता है। रक्षाबंधन के महत्वपूर्ण त्योहार पर, लड़कियाँ देश के विभिन्न सीमा बिंदुओं पर जाकर सैनिकों के भाई के रूप में राखी बांधेंगी।

राष्ट्रीय रक्षा सूत्र उत्सव का मकसद राष्ट्र सर्वोपरि भावना जारी रखना

सध्वी ऋतंभरा ने कहा कि इस राष्ट्रीय रक्षा सूत्र उत्सव का मकसद राष्ट्र सर्वोपरि की भावना को बच्चों से लेकर बड़ों तक में जारी रखना। साथ ही इस रक्षा सूत्र के माध्यम से उन सैनिकों का भी धन्यवाद करना जो रक्षाबंधन के पर्व पर बर्फीले पहाड़ों से लेकर तपते रेगिस्तानों में हमारी सुरक्षा के लिए हमेशा खड़े रहते हैं। इन रक्षा सूत्रों को देश की बेटियाँ उनकी कलाइयों पर बांधती हैं, जिससे राखी के दिन उनके हाथ सूने न रह जाएं।

इस उत्सव के तहत, मथुरा वृन्दावन के सभी स्कूलों ने भागीदारी की है। इसमें स्कूल की सभी छात्राएँ शामिल हुईं हैं। सम्विद गुरुकुलम स्कूल वृन्दावन में हुए इस उत्सव में, वीर सैनिकों के लिए विशेष रूप से समर्पित राष्ट्रीय सीमाओं पर खड़े जवानों के लिए स्कूली छात्राओं ने राखियाँ भिजवाई। जिनमें कई राखियाँ बच्चों ने ख़ुद अपने हाथों से भी बनाई है।

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