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UP News: घोसी के नतीजे से शिवपाल समर्थक गदगद, सपा दफ्तर के बाहर लगाई होर्डिंग – ‘टाइगर अभी जिंदा है’

UP News: होर्डिंग में लिखा है – ‘भतीजे को हराने से पहले चाचा को हराना होगा और यह मुमकिन नहीं नामुमकिन है।‘ इसके बाद बड़े अक्षरों में लिखा है - ‘टाइगर अभी जिंदा है।’

Krishna Chaudhary
Published on: 10 Sept 2023 8:31 AM IST (Updated on: 10 Sept 2023 8:34 AM IST)
UP News
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सपा कार्यालय के बाहर लगाए गए पोस्टर ( सोशल मीडिया)

UP News: घोसी उपचुनाव के नतीजे ने यूपी की सियासत में नए सिरे से हलचल पैदा कर दी है। इंडिया अलायंस के बाद देश के सबसे बड़े प्रदेश में हो रहे इस चुनाव पर सबकी नजरें टिकी थीं। सपा को कांग्रेस का समर्थन मिलने और बीएसपी के मैदान छोड़ने के कारण मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया था। 8 सितंबर को जब नतीजे आए तो सपा के कैंप में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन असली खुशी शिवपाल यादव के घेमे में देखी गई।

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव घोसी के नतीजे आने के बाद से मीडिया में छाए हुए हैं। उन्हें ही जीत का असली शिल्पकार बताया जा रहा है। भारी – भरकम मार्जिन से मिली जीत को लेकर शिवपाल यादव समर्थक गदगद हैं। उन्हें लग रहा है कि अब पार्टी में उनके नेता का कद बढ़ना लगभग बिल्कुल तय है। शिवपाल समर्थकों के जोश और उत्साह को लखनऊ स्थित प्रदेश सपा कार्यालय के बाहर लगे होर्डिंग से लगाया जा सकता है।

शिवपाल को बताया गया टाइगर

जसवंतनगर सीट से सपा विधायक और वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के एक समर्थक ने लखनऊ स्थित सपा कार्यालय में एक होर्डिंग लगाया है, जिसमें उन्हें टाइगर बताया गया है। होर्डिंग में लिखा है – ‘भतीजे को हराने से पहले चाचा को हराना होगा और यह मुमकिन नहीं नामुमकिन है।‘ इसके बाद बड़े अक्षरों में लिखा है - ‘टाइगर अभी जिंदा है।’

सबसे नीचे हैशटैग घोसी विधानसभा उपचुनाव 2023 लिखा है। इस बड़े होर्डिंग में दिवंगत सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव, उनके पुत्र अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव की तस्वीर लगाई है। शिवपाल की तस्वीर सबसे बड़ी है। इस होर्डिंग को अब्दुल अजीम नामक सपा नेता ने लगवाया है, जिसकी तस्वीर सबसे नीचे लगी हुई है।


चाचा ने भतीजे को दिए दो गिफ्ट

यूपी की सियासत में चाचा-भतीजे (शिवपाल-अखिलेश) की लड़ाई काफी चर्चा में रही थी। अपने खून पसीने से समाजवादी पार्टी को सींचने वाले शिवपाल सिंह यादव को अपनी अलग पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) बनानी पड़ी थी। चाचा-भतीजे के बीच जुबानी जंग भी अपने चरम पर थी, एक समय तो उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तक लगने लगी। लेकिन बड़े भाई मुलयाम सिंह यादव के निधन के बाद शिवपाल-अखिलेश के बीच की सियासी दूर कम हो गई और आखिरकार दोनों चाचा-भतीजे फिर से साथ आ गए।

शिवपाल सिंह यादव ने आते ही सबसे पहले मैनपुरी उपचुनाव की कमान संभाली। रामपुर और आजमगढ़ जैसी सुरक्षित सीट गंवाने के कारण समाजवादी पार्टी के हौंसले पस्त थे। लेकिन शिवपाल ने आते ही सपा के वोटरों और कार्यकर्ताओं में जोश भरा। नतीजा ये रहा कि बीजेपी के जबरदस्त कैंपेन के बावजूद वो अपनी बहू यानी अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव की जितवाने में कामयाब रहे। डिंपल ने भारी-भरकम मार्जिन से जीत हासिल की।

घोसी उपचुनाव में भी शिवपाल ने अपनी संगठनात्मक कुशलता दिखाई और खुद जमीन पर सक्रिय रहे। जिसका नतीजा सबके सामने हैं। उन्होंने अपने मैनेजमेंट से बीजेपी के दिग्गजों को चित्त कर दिया। घोसी की सीट सपा न केवल बचाने में कामयाब रही बल्कि पहले से कहीं अधिक मार्जिन से उसे जीता।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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