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Mau News: सावधान! पराली जलाने पर पर्यावरण कम्पनसेशन के तहत होगी वसूली

Mau News: पर्यावरण विभाग के आदेश में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पराली जलाने पर 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू० 2500.00, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रू. 5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू. 15000.00 तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली का निर्देश है।

Asif Rizvi
Report Asif Rizvi
Published on: 8 Nov 2023 6:05 PM IST
Recovery will be made under environmental compensation on burning of stubble
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Recovery will be made under environmental compensation on burning of stubble

Mau News: जनपद के उप कृषि निदेशक सत्येंद्र सिंह चौहान ने बताया कि वर्तमान में धान एवं अन्य फसलों की कटाई एवं मड़ाई का कार्य हो रहा है। धान की कटाई कंबाइन हार्वेस्टर बिना एसएमएस का प्रयोग किया जा रहा है। जिससे फसल अवशेष / पराली को किसान जला दे रहे। जिसके कारण प्रदूषण, खेतों की उर्वरा शक्ति में कमी एवं मानव स्वास्थ्य को भी हानि हो रहा है।

पराली जलाने पर वसूले जाएंगे इतने रुपए

पर्यावरण विभाग के आदेश में निहित प्राविधानों के अन्तर्गत पराली जलाने पर 02 एकड़ से कम क्षेत्र के लिए रू० 2500.00, 02 से 05 एकड़ क्षेत्र के लिए रू. 5000.00 एवं 05 एकड़ से अधिक क्षेत्र के लिए रू. 15000.00 तक पर्यावरण कम्पन्सेशन की वसूली का निर्देश है। जनपद के किसान भाइयों से अपील है कि पराली न जलाएं, जिससे कि विषम परिस्थितियों से बचे रहेंगे। जनपद में बिना एस०एम०एस० के कम्बाईन हार्वेस्टर चलते हुए पाये जायेंगे तो उन्हें सीज करने की कार्यवाही की जायेगी। किसान भाई पराली प्रबंधन के यंत्रों जैसे सुपर सीडर, जिरो ट्रिल सीड ड्रिल, रिवर्सेबल एम0बी0 पलाऊ आदि यंत्रों का प्रयोग करें।

राजकीय बीज गोदामों पर बायो डीकम्पोजर निःशुल्क उपलब्ध

पराली से खाद बनाने हेतु कृषि विभाग के विकास खण्ड स्तर पर स्थित राजकीय बीज गोदामों पर बायो डीकम्पोजर निःशुल्क उपलब्ध है। जिससे पराली जलाना न पड़े। जिलाधिकारी के निर्देश के क्रम में पराली जलाने से रोक-थाम हेतु ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान, लेखपाल एवं ग्राम पंचायत अधिकारी की कमेटी का गठन किया गया है। यदि ग्राम सभा में फसल अवशेष जलाए जाने की घटना होती है, तो सम्बन्धित लेखपाल एवं ग्राम प्रधान तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी को तत्काल इसकी सूचना देंगें।

Anant kumar shukla

Anant kumar shukla

Content Writer

अनंत कुमार शुक्ल - मूल रूप से जौनपुर से हूं। लेकिन विगत 20 सालों से लखनऊ में रह रहा हूं। BBAU से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन (MJMC) की पढ़ाई। UNI (यूनिवार्ता) से शुरू हुआ सफर शुरू हुआ। राजनीति, शिक्षा, हेल्थ व समसामयिक घटनाओं से संबंधित ख़बरों में बेहद रुचि। लखनऊ में न्यूज़ एजेंसी, टीवी और पोर्टल में रिपोर्टिंग और डेस्क अनुभव है। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काम किया। रिपोर्टिंग और नई चीजों को जानना और उजागर करने का शौक।

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