×

इस मौलाना ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर कही ये बड़ी बात

अंजुमन इत्तेहादुल बैनल मुस्लेमीन के बैनर तले सैदपुर चीनी मिल में रविवार को एक रोज़ा मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली से आए मौलाना सैयद क़मर गाजी ने हिंदुस्तान के मुसलमानों से सभी वर्गों के साथ इत्तेहाद के साथ रहने की बात कही।

Aditya Mishra
Published on: 15 Dec 2019 4:30 PM IST
इस मौलाना ने हिन्दू-मुस्लिम एकता को लेकर कही ये बड़ी बात
X

सुल्तानपुर: अंजुमन इत्तेहादुल बैनल मुस्लेमीन के बैनर तले सैदपुर चीनी मिल में रविवार को एक रोज़ा मजलिस का आयोजन किया गया। जिसमें दिल्ली से आए मौलाना सैयद क़मर गाजी ने हिंदुस्तान के मुसलमानों से सभी वर्गों के साथ इत्तेहाद के साथ रहने की बात कही।

मजलिस को खेताब करते हुए मौलाना क़मर गाजी ने कहा कि हिंदुस्तान मुल्क अमन पसंदों का मुल्क है, और इस्लाम हमे अमन पसंद बनने की तालीम देता है।

उन्होंने मुस्लिम समुदाय को मधुमक्खी से इत्तेहाद (सौहार्द्र) सीखने की बात बताई। कहा कि एक कुत्ते को आप पत्थर फेंक कर मारे वो आपका कुछ नहीं कर सकता बल्कि भागेगा।

ये भी पढ़ें...सभी मजहबी लीडरों का दिल से इस्तकबाल करते हैं: मौलाना खालिद रशीद

इसी प्रकार आप एक बिल्ली को मारें तो भागेगी लेकिन अगर आप मधुमक्खी के छत्ते पर एक पत्थर मारें तो पलटकर सबकी सब आप पर हमला कर देंगी और आप कई दिनों तक मुंह दिखाने के काबिल नहीं रहेंगे। मधुमक्खी इंसान से मुकाबला कैसे कर सकी, इस कारण के वो यूनाइट थी। उनमे इत्तेहाद पाया जाता था।

मौलाना ने ये भी कहा कि मधुमक्खी अपने छत्ते में शहद रखती है, वो उसका हक़ नहीं होता वो इंसानों का हक़ होता है। लेकिन वो इस अमानत में ख़यानत नहीं करती, यानी इंसानो के माल (शहद) को इंसानों को अमानत के साथ दे देती है।

ये भी पढ़ें...मौलाना अबुल कलाम आजाद के नाम पर होगा गाजियाबाद हज हाउस का नाम

हुसैन इंसानियत का पैग़ाम देते है

इसी क्रम में मौलाना सैयद कौसर अमरोहवी ने मजलिस को ख़िताब किया। उन्होनें कहा कि मजलिस हुसैन में न कोई सुन्नी आता है, न कोई शिया आता है, न कोई हिंदू आता है यहां जो कोई भी आता है वो हुसैनी होता है। और हुसैन इंसानियत का पैग़ाम देते है, इत्तेहाद (यूनाइट) रहने का पैग़ाम देते हैं।

उन्होंने कर्बला का उदाहरण देते हुए कहा कि कर्बला में न कोई काला था न कोई गोरा था, न कोई मक्की था न कोई मदनी था। जो भी कर्बला में शहीद हुए सब हुसैनी थे और हर एक ने इंसानियत को बचाने के लिए कुर्बानी। इस मौके पर जमीरूल हसन, मौलाना सफ़दर जैदी, बाकर हसन, गम्खार हुसैन, सकलैन, गुलाम आदि मौजूद रहे।

ये भी पढ़ें...मौलाना तहजीबुल हसन रिज़वी ने NRC पर गृहमंत्री के बयान को बताया भेदभावपूर्ण

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story