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माया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया गेस्ट हाउस कांड का जिक्र, जानिए क्या हुआ था उस दिन
समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन का ऐलान कर दिया है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया। पिछले दो दशकों में जब-जब भी एसपी और बीएसपी के गठबंधन की बात होती है, तब-तब लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र आता है।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए गठबंधन का ऐलान कर दिया है। लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड का भी जिक्र किया। पिछले दो दशकों में जब-जब भी एसपी और बीएसपी के गठबंधन की बात होती है, तब-तब लखनऊ के गेस्ट हाउस कांड का जिक्र आता है। आखिर क्या है 1995 का लखनऊ गेस्ट हाउस कांड?
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क्या है गेस्ट हाउस कांड?
बीएसपी सुप्रीमो मायावती 2 जून 1995 की उस घटना को जिंदगी भर नहीं भूल सकतीं। उस दिन कुछ भी कर गुजरने के उन्माद के साथ भीड़ सबक सिखाने के नाम पर मायावती पर हमला करने को आमादा थी। उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ही थे। मायावती का आरोप है कि उस उन्मादी भीड़ के पीछे भी सपा सुप्रीमो का ही हाथ था।
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मायावती क्यों थी निशाने पर
साल 1993 में सपा-बीएसपी के बीच चुनावी समझौता हुआ था। चुनाव में इस गठबंधन की जीत हुई थी। इसके बाद मुलायम सिंह यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने। फिर आपसी मनमुटाव की वजह से 2 जून, 1995 को बीएसपी ने सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा कर दी। बीएसपी की ओर से इस घोषणा के वक्त मायावती, मीराबाई मार्ग स्थित गेस्ट हाउस में ठहरी हुई थीं। समर्थन वापस लेने के कारण मुलायम सिंह की सरकार अल्पमत में आ गई। नाराज सपा कार्यकर्ताओं और विधायकों ने स्टेट गेस्ट हाउस पर हमला बोल दिया था।
बीजेपी विधायक ने बचाया था
मायावती स्टेट गेस्ट हाउस के कमरा नंबर-1 में ठहरी हुई थीं। उस समय अपनी जान पर खेलकर उन गुंडों से अकेले भिड़े थे बीजेपी विधायक ब्रम्हदत्त द्विवेदी। उन्होंने गेस्टहाउस का दरवाजा तोड़कर मायावती को बाहर निकाला था। मायावती इसके लिए लगातार उनका शुक्रिया अदा करती रही हैं। यहां तक कि बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के बावजूद वह कई बार ब्रह्मदत्त द्विवेदी की तारीफ कर चुकी हैं।
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