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विद्युतीकरण में मायावती-अखिलेश पर योगी भारी

raghvendra
Published on: 10 July 2023 12:53 PM IST
विद्युतीकरण में मायावती-अखिलेश पर योगी भारी
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धनंजय सिंह

लखनऊ: यूपी में पिछले पंद्रह साल में तीन दलों की सरकारें रहीं, किन्तु आज तक यूपी के सभी मजरों का विद्युतीकरण नहीं हो सका। अब प्रदेश सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। बिजली के क्षेत्र में योगी सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना में आगे निकल गई है। बिजली से वंचित घरों में उजाला लाने के लिए प्रदेश सरकार ने सौभाग्य योजना की अवधि 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दी है।

आजादी के 70 साल बीत जाने के पिछले माह राजधानी के सभी मजरों में विद्युतीकरण का काम पूरा हो सका। इससे समझा जा सकता है कि राजधानी से दूर जिलों में क्या स्थिति होगी। वैसे प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार का कहना है कि गांव और मजरों में युद्ध स्तर पर विद्युतीकरण का काम किया जा रहा है। इस साल के अंत तक सूबे के सभी गांवों में विद्युतीकरण कर दिया जाएगा।

सौ फीसदी विद्युतीकरण का दावा

लखनऊ में सौभाग्य योजना और विद्युतीकरण के नोडल अफसर डीके त्रिपाठी ने दावा किया कि राजधानी लखनऊ को 100 प्रतिशत विद्युतीकरण से संतृप्त कर दिया गया हैं, जबकि सौभाग्य योजना के अंतर्गत सभी गरीबों को मुफ्त कनेक्शन बांट दिया गया है, लेकिन राजधानी के बाहर की स्थिति इससे इतर है।

सौभाग्य के तहत 86 लाख कनेक्शन

सौभाग्य योजना के तहत बिजली के कनेक्शन की मांग करने वाले सभी 86 लाख गरीब परिवारों को बिजली कनेक्शन जारी किए जा चुके हैं।

12 लाख नए इच्छुक उपभोक्ताओं को कनेक्शन देने के लिए यूपी की मांग पर केंद्र ने सौभाग्य योजना की अवधि को 31 दिसंबर 2019 तक बढ़ा दिया है। इस योजना के पहले ही दिन प्रदेश भर में सभी 2,300 विद्युत उपकेन्द्रों सहित 2,665 शिविर लगाकर 1,38,258 परिवारों को सौभाग्य का उजाला दिया गया था।

सपा कार्यकाल की ये रही स्थिति

2012 से 2017 तक अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों को 12 घंटे 25 मिनट, तहसील स्तर पर 13 घंटे 31 मिनट तो जिला स्तर पर 19 घंटे 27 मिनट बिजली की सप्लाई दी गई। वहीं प्रदेश के सिर्फ 70877 मजरों का विद्युतीकरण किया गया। नए कनेक्शन बांटने के मामले में भी इस सरकार ने कोई बहुत उल्लेखनीय कार्य नहीं किया। पांच सालों में अखिलेश सरकार ने मात्र 47.75 लाख कनेक्शन बांटे।

पांच साल का औसत निकाला जाए तो अखिलेश के शासनकाल में हर साल 9.55 लाख कनेक्शन दिए गए। नए उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण मामले में भी सरकार सुस्त ही नजर आई। समाजवादी पार्टी सरकार के पांच सालों में जहां 33/11 केवी के 159 नए विद्युत उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण किया गया तो सिर्फ 29 विद्युत उपकेन्द्रों की क्षमता में वृद्धि की गई।

बसपा कार्यकाल का हाल

ऐसा ही कुछ हाल 2007-2012 के बीच मायावती सरकार के दौरान भी था। उन पांच सालों में राज्य के ज्यादातर इलाके अंधेरे में डूबे रहते थे। उस समय ग्रामीण स्तर पर 12 घंटे 1 मिनट, तहसील स्तर पर 11 घंटे तो जिला लेवल पर मात्र 17 घंटे 20 मिनट बिजली की आपूर्ति की जाती थी।

मायावती सरकार के पांच सालों के कार्यकाल में 57617 मजरों का विद्युतीकरण हो पाया था, जबकि 31.73 लाख घरों को बिजली का कनेक्शन बांटा गया था। औसत देखा जाए तो बसपा सरकार ने प्रतिवर्ष सिर्फ 6.346 लाख कनेक्शन बांटे। इन पांच सालों में तत्कालीन सरकार ने 33/11 केवी के 145 नए उपकेन्द्रों का ऊर्जीकरण किया तो 205 उपकेन्द्रों की क्षमता में वृद्धि की गई।

योगी सरकार में एक करोड़ से अधिक नए कनेक्शन

कागजी आंकड़ों के अनुसार योगी सरकार प्रदेश के 1 लाख 30 हजार मजरों का विद्युतीकरण कर चुकी है। वहीं 1 करोड़ 9 लाख घरों को नए कनेक्शन इतने ही समय में बांटे जा चुके हैं। अभी तक का औसत देखा जाए तो प्रदेश सरकार हर साल 50 लाख नए कनेक्शन दे रही है, मतलब लगभग साढ़े 13 हजार कनेक्शन रोज दिए गए हैं। 33/11 केवी के 542 नए विद्युत उपकेन्द्र इस सरकार ने 30 महीने में बनवाए हैं। साथ ही 909 उपकेन्द्रों की क्षमता में वृद्धि का दावा किया गया है।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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