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Mayawati: मायावती का बड़ा ऐलान कहा, अकेली लड़ेंगी लोकसभा चुनाव, आयोग से की ये बड़ी अपील
Mayawati: बहुजन समाज पार्टी लोकसभा एवं विधानसभा समेत सभी चुनाव अकेले ही लड़ेगी। पार्टी किसी के साथ भी गठबंधन नहीं करेगी।
Mayawati: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती का आज 15 जनवरी को 67 वां जन्मदिन है। मायावती ने अपने जन्मदिन पर बड़ा ऐलान किया है। उन्होने कहा है कि बहुजन समाज पार्टी लोकसभा एवं विधानसभा समेत सभी चुनाव अकेले ही लड़ेगी। मायावती ने कहा कि आने वाले महीनों में नौ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। उन्होंने जोर देकर कहा, बीएसपी राजस्थान, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक विधानसभा चुनाव के साथ-साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने चुनाव आयोग से मांग करते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं क्योंकि देश कि जनता के मन में ईवीएम को लेकर आशंकाएं हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने ये ऐलान अपने जन्मदिन पर मीडिया को संबोधित करते हुए किया है।
कांग्रेस समेत कई दल कर रहे गठबंधन करने का प्रयास
मायावती ने कहा कि जब तह चुनाव बैलेट पेपर से होते रहे, तब तक बहुजन समाज पार्टी का न तो वोट प्रतिशत कम हुआ और न ही हमारा जनाधार कम हुआ। लेकिन, जब से देश में ईवीएम से चुनाव होने लगे तब से हमारे वोट प्रतिशत और हमारी सीटों पर प्रभाव पड़ा है। मायावती ने कहा कि कांग्रेस और कुछ अन्य दल हमारे साथ गठबंधन करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमारी विचारधारा अन्य पार्टियों से अलग है। मायावती ने अतीक अहमद की पत्नी को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि वह कोई माफिया नहीं है। उत्तर प्रदेश के पूरे मुस्लिम समाज के साथ नाइंसाफी हो रही है।
बसपा के खिलाफ अपनाए जा रहे हथकंडे
मायावती ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अब ओबीसी आरक्षण पर भी भाजपा कांग्रेस सपा की राह पर चल निकली है। जिसके कारण उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव प्रभावित हो रहे हैं। मायावती ने अपने जन्मदिन के मौके पर मेरे संघर्ष में जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा भाग 18 का भी विमोचन किया। उन्होने कहा कि मेरी पार्टी ने लोगों के हित में नई नई योजनाएं आरंभ की हैं। जातिवादी-पूंजीवादी पार्टियों को ये अच्छा नहीं लगा। इसी वजह से बीएसपी के खिलाफ हर तरह के हथकंडे अपनाकर बीएसपी को आगे बढ़ाने और सत्ता में आने से रोका जा रहा है। कांग्रेस-बीजेपी जैसी पार्टियों की वजह से शुरू से यहां गरीबी-बेरोजगारी बढ़ी है, किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी सभी दुखी हैं।