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Lok Sabha Election: मायावती का बड़ा सियासी दांव, सरकार बनी तो पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने का ऐलान
Mayawati in Muzaffarnagar: मायावती आज मुजफ्फरनगर में रैली कर रही हैं। इस दौरान उन्होंने एक बड़ा चुनावी ऐलान किया।
Mayawati in Muzaffarnagar: लंबे इंतजार के बाद बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भी आज उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी सभाओं का सिलसिला शुरू कर दिया। अंबेडकर जयंती के दिन पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में अपनी चुनावी सभा के दौरान मायावती ने बड़ा सियासी दांव भी चल दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि अगर हमारी पार्टी की सरकार बनी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम में उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित करने का भी बड़ा ऐलान किया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को लेकर अधिवक्ता और अन्य संगठनों की ओर से लंबे समय से मांग की जाती रही है। ऐसे में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मतदाताओं को रिझाने के लिए मायावती ने लुभावने वादे कर डाले हैं। अपनी चुनावी सभा के दौरान उन्होंने भाजपा के साथ ही कांग्रेस पर भी तीखा हमला बोला। इस बार उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में मायावती ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं किया है और वे अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी हैं।
सात साल बाद मुजफ्फरनगर में की रैली
बसपा मुखिया मायावती आज सात साल बाद मुजफ्फरनगर जिले में अपनी चुनावी रैली करने के लिए पहुंची थीं। इससे पहले 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मुजफ्फरनगर में चुनावी सभा की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने मुजफ्फरनगर में कोई भी चुनावी सभा नहीं की थी।
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर 10 साल बाद बसपा ने अपना प्रत्याशी उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बसपा ने इस सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं खड़ा किया था और राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी अजित सिंह का समर्थन किया था। इस बार बसपा ने दारा सिंह प्रजापति को मुजफ्फरनगर में अपना उम्मीदवार बनाया है और पार्टी ने उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए पूरी ताकत लगा रखी है।
अलग राज्य बनाने का सियासी दांव
बसपा को समर्थन देने की अपील करते हुए मायावती ने कहा कि हम घोषणाओं में नहीं बल्कि काम करने में यकीन करते हैं और इसीलिए हमारी पार्टी की ओर से घोषणा पत्र नहीं जारी किया जाता। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से केंद्र और कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं और भाजपा के राज में जांच एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा के राज में पूरे देश में जातिवाद और सांप्रदायिकता का जहर फैल चुका है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सोच जातिवादी है और जुमले के सहारे लोगों को लुभाया जा रहा है। उन्होंने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि यदि हमारी सरकार बनी तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इसके साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट की बेंच की स्थापना भी की जाएगी।
सपा ने जाटों और मुसलमानों को लड़ाया
बसपा मुखिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश में चार बार मेरे नेतृत्व में सरकार बनी और मेरी सरकार के कार्यकाल के दौरान कहीं भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि सपा के राज के दौरान जाट और मुसलमानों को लड़ाया गया। सपा ने समाज को बांटने का काम किया और इसलिए सपा से हमें सतर्क रहना होगा।
उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर में बसपा ने पिछड़ा वर्ग से प्रत्याशी उतारा है। इस क्षेत्र में हमने मुस्लिम सामाज और जाट समाज में भाईचारा बनाया था। मैं मुजफ्फरनगर में मुस्लिम समाज का प्रत्याशी लड़ाना चाहती थी मगर मुस्लिम समाज से कोई मजबूत प्रत्याशी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुआ। ऐसे में हमने अति पिछड़ा वर्ग के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने हरिद्वार से यहीं के मुस्लिम प्रत्याशी उतारने का भी जिक्र किया।
उत्तर प्रदेश में मायावती की पहली रैली
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंच पर पहुंचकर सबसे पहले डॉ. भीमराव अंबेडकर के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और फिर जनता को संबोधित किया। यह उत्तर प्रदेश में मायावती की पहली रैली थी। मायावती के उत्तर प्रदेश के चुनाव में सक्रिय न होने को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे मगर अब उन्होंने अपनी रैलियों का सिलसिला शुरू कर दिया है।
मायावती के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके भतीजे आकाश आनंद ने पहले ही यूपी में रैलियों का सिलसिला शुरू कर दिया है। आकाश ने अपनी पहली रैली नगीना में की थी। आने वाले दिनों में मायावती और आकाश आनंद उत्तर प्रदेश में कई और रैलियां करने वाले हैं। माना जा रहा है कि इन रैलियों के जरिए बसपा अपने प्रत्याशियों की चुनावी संभावनाओं को मजबूत बनाएगी।