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BSP Chief: मायावती को फिर चुना गया बसपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष, आकाश आनंद ही उत्तराधिकारी
Lucknow News: लखनऊ में हुई बसपा कार्यकारिणी की बैठक में मायावती को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया है।
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज बसपा कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में मायावती को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष चुना गया है। बैठक में पार्टी के तमाम बड़े नेता शामिल थे। पहले से ही कयास लगाए जा रहे थे कि मायावती को फिर से पार्टी अध्यक्ष चुना जाएगा। बैठक में सतीश मिश्र ने प्रस्ताव रखा जिसपर सर्व सम्मित से मायावती पार्टी अध्यक्ष चुनी गईं। इसके साथ ही आकाश आनंद मायावती के उत्तराधिकारी बने रहेंगे। इस मौके पर उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों का धन्यवाद दिया। साथ ही सरकार पर टिप्पणी भी की।
सरकार पर तीखा हमला
मायावती ने अपने पोस्ट के जरिए कहा कि, "भाजपा के नेतृत्व में बनी एनडीए की सरकार के बारे में बहन मायावती जी ने कहा कि इनका रवैया समय की मांग के अनुसार सुधारवादी अभी तक नहीं लगता है। जिस कारण इसको स्थाई मजबूत सरकार नहीं कहा जा सकता है। मगर यह सरकार बड़े-बड़े पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए काम करते रहने की बजाय देश के करोड़ों गरीबों व अन्य मेहनतकशों के वास्तविक संवैधानिक हित व कल्याण के लिए कार्य करने को मजबूर होगी, यह कहना मुश्किल है। देश में जबरदस्त महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, गबरनेन्स की विफलता आदि के कारण हर तरफ छाई अफरातफरी व अशान्ति के प्रति केन्द्र सरकार के उदासीन रवैये से स्पष्ट है कि देश में हालात जल्दी सुधरने वाले नहीं है। इनका विकास व गवरनेन्स का माडल ज्यादातर गरीब, मजदूर, किसान य बहुजन विरोधी ही साबित हुआ है"। कांग्रेस पार्टी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि, कांग्रेस से भी किसी खास भले की उम्मीद करना रेगिस्तान में पानी तलाशने जैसा मृगतृष्ण ही (Mirage) बना रहेगा।
जनाधार मजबूत करने की कोशिश
इस मौके पर उत्तर प्रदेश के ताज़ा राजनीतिक हालात का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि, लोकसभा का यह चुनाव परिणाम किसी पार्टी विशेष के पक्ष में एकतरफा नहीं होने के कारण भी नई संभावनाएं पैदा करता है और ऐसे में कैडर के आधार पर जनाधार को बढ़ाने का प्रयास करके आगे बेहतर रिजल्ट हासिल करने की अपनी कोशिश जारी रखनी है। इसेक साथ ही उन्होंने कहा किस, बहुजनों को केवल जोड़ना ही नहीं बल्कि उन्हें पार्टी व मूवमेन्ट से लगातार जोड़े रखने की भी राख्त जरूरत है जिसमें किसी प्रकार की कोताही व स्वार्थ आड़े नहीं आनी बाहिए, जिसकी पार्टी लगातार समीक्षा करेगी। मायावती ने कहा कि यूपी में बी.एस.पी. की चार बार रही सरकारों के दौरान किए गए जनहित व जनकल्याण के काम ऐसे उदाहरण हैं जिनके बल पर चुनावों में बी.एस.पी. आत्मविश्वास के साथ लोगों से समर्थन मांग सकती है।