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मायावती का कड़ा एक्शन, लालजी वर्मा और रामअचल राजभर बसपा से बाहर

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने नेता विधानमंडल लालजी वर्मा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर को पार्टी से बाहर निकाल दिया है।

Shreedhar Agnihotri
Published on: 3 Jun 2021 10:49 AM GMT (Updated on: 3 Jun 2021 10:54 AM GMT)
Bahujan Samaj Party
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लालजी वर्मा-रामअचल राजभर-मायावती: डिजाईन फोटो- सोशल मीडिया 

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी ने आज अपने इतिहास को एक बार फिर दोहराते हुए पार्टी के दो विधायकों को पार्टी से बाहर निकाल दिया। खास बात यह है कि इन दोनो विधायकों में एक पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जबकि दूसरे बसपा विधानमंडल दल के नेता हैं। आरोप है कि इन दोनो नेताओं ने हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनाव में पार्टी के खिलाफ जाकर काम किया जो अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है इसलिए पार्टी ने यह फैसला लिया है।

पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आज एक प्रेस नोट जारी कर इस बात की सूचना मीडिया को दी। उन्होंने बताया कि इन दोनों विधायकों पंचायत चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण पार्टी से निष्कासित किया गया है। बसपा विधानमंडल दल के नेता लाल जी वर्मा के स्थान पर शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को विधानमंडल दल का नया नेता बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इन दोनो विधायकों को भविष्य में किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाएगा तथा कोई भी चुनाव बसपा से नहीं लड़ाया जाएगा।

लाल जी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा का जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ने से इंकार

दरअसल जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर लाल जी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा ने हाल ही में जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। जिससे बसपा को तगडा झटका लगा। साथ ही सदस्य पद के टिकट वितरण को लेकर लेनदेन का एक आडियो पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच वायरल हुआ था। इससे भी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जे की जंग में चुनाव से पहले ही बसपा को नुकसान है। जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकीं पूर्व मंत्री लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की प्रबल दावेदार थीं।

बहुजन समाज पार्टी की आंतरिक कलह

इसके अलावा रामअचल राजभर की बेहद करीबी ब्लाक प्रमुख शारदा राजभर के बगावती तेवर को लेकर विधायक राम अचल पर उंगलियां उठी थी। इस मामले के बाद पूरे अकबरपुर क्षेत्र में बहुजन समाज पार्टी की आंतरिक कलह खुल कर सामने आई थी।

Shashi kant gautam

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