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Jhansi News: रेलवे वेंडरों का चिकित्सा परीक्षण मामला-डीआरएम साहब, ऐसे पत्र क्यों जारी किए जाते है?

Jhansi News: झाँसी रेल मंडल में जमकर गोलमाल चल रहा है रेलवे अफसरों को अनदेखी करते हुए मनमानी की जा रही हैं। ऐसा ही रेलवे बेण्डरों के चिकित्सा परीक्षण का मामला प्रकाश में आया है।

B.K Kushwaha
Published on: 12 Jan 2023 3:04 PM GMT
Medical examination case of railway vendors - DRM sir, why are such letters issued?
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झाँसी: रेलवे वेंडरों का चिकित्सा परीक्षण मामला-डीआरएम साहब, ऐसे पत्र क्यों जारी किए जाते है?

Jhansi News: झाँसी रेल मंडल में जमकर गोलमाल चल रहा हैं। यहां पर रेलवे अफसरों को अनदेखी करते हुए मनमानी की जा रही हैं। ऐसा ही रेलवे बेण्डरों के चिकित्सा परीक्षण का मामला प्रकाश में आया है। इस मामले में रेलवे स्टेशन के स्वास्थ्य निरीक्षक को दरकिनार करते हुए सवा साल पहले संवेदनशील पदों से हटाए गए मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक/कॉलोनी को रेलवे बेण्डरों का चिकित्सा परीक्षण करने के आदेश दिए हैं। इस तरह के आदेश जारी किए जाने से झाँसी रेल मंडल में पदस्थ रेलवे अफसरों की अनदेखी की जा रही हैं। इसकी सूचना रेलवे बोर्ड को गोपनीय तरीके से भेजी गई हैं।

वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झाँसी में खाद्य पदार्थ विक्रेताओं (बेण्डर) पदस्थ हैं। इन बेण्डरों का हर साल चिकित्सा परीक्षण किया जाता है। बिना चिकित्सा परीक्षण के कोई भी बेण्डर यहां पर काम नहीं कर सकता हैं। वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झाँसी में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक एस यू काजी और स्वास्थ्य निरीक्षक के पद पर आनंद कुमार पदस्थ थे। दिसंबर माह में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक एस यू काजी रेलवे से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सेवानिवृत्त होने के पहले एस यू काजी को वीरांगना लक्ष्मीबाई स्टेशन झाँसी के बेण्डरों की चिकित्सा परीक्षण करना था मगर सेवानिवृत्त होने के पहले नहीं किया। जैसे ही सेवानिवृत्त हुए तो वह चले गए।

वेण्डरों के चिकित्सा परीक्षण में अनियमितता

उधर, उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने 15 दिसंबर 2022 को स्टेशन प्रबंधक, अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (स्वास्थ्य) एन के गुप्ता और मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक एस यू काजी को एक पत्र भेजा था। इसमें कहा गया था कि विगत पूर्व से लगातार वेण्डरों के चिकित्सा परीक्षण में अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त हो रही हैं। अतः स्टेशन पर कार्यरत वेण्डरों को चिकित्सा परीक्षण हेतु मंडल रेल चिकित्सालय में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक पी के जैन के पास भेजने की व्यवस्था करें। इसी तरह एस यू काजी से भी कहा गया था कि समस्त वेण्डरों से संबंधित सभी रिकॉर्ड पी के जैन को सौंपने की व्यवस्था करें, लेकिन एस यू काजी ने एेसा नहीं किया। वह रेलवे से सेवानिवृत्त होकर चले गए। वेण्डरों के सारे रिकॉर्ड मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक के पास नहीं तो रिकॉर्ड कहां चले गए। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य निरीक्षक आनंद कुमार को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है।

वहीं, रेलवे सूत्रों का कहना है कि पांच दिनों यानि 20 दिसंबर 2022 को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने फिर से स्टेशन प्रबंधक और एस यू काजी को पत्र भेजा था। पत्र में कहा था कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन पर कार्यरत खाद्य पदार्थ विक्रेताओं (वेण्डरों) के चिकित्सा परीक्षण बावत विभिन्न माध्यमों से बहुत सी शिकायतें प्राप्त हो रही है। एस यू काजी 31 दिसंबर 2022 को रेल सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। यह निर्णय लिया गया है कि वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन के समस्त खाद्य पदार्थ विक्रेताओं (वेण्डरों) का चिकित्सा परीक्षण मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक/कॉलोनी के कार्यालय द्वारा किए जाएंगे। पत्र के माध्यम से संबंधित स्वास्थ्य निरीक्षक एस यू काजी को निर्देशित करें कि वह 12 दिसंबर 2021 से आज दिनांक तक के वेण्डरों से संबंधित सभी चिकित्सा परीक्षण के कागजात/रिकॉर्ड जांच हेतु संबंधित कार्यालय को भेजने की व्यवस्था करें।

सूत्र बताते हैं कि जनवरी माह के बारह दिन गुजर चुके हैं, लेकिन भी तक वेण्डरों का चिकित्सा परीक्षण नहीं किया गया हैं। साथ ही मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक/कॉलोनी पी के जैन को सवा साल पहले वीरांगना लक्ष्मीबाई झाँसी स्टेशन संवेदनशील पद से हटाया था। इनके जाने के बाद एस यू काजी कार्य देख रहे थे। इनके सेवानिवृत्त होने के बाद झाँसी रेल मंडल में मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक कोई पदस्थ नहीं है। आखिर पी के जैन को फिर से जिम्मेदारी क्यों दी गई हैं। यह सवाल खड़ा होता हैं। इसके पहले भी इसी पद को लेकर कई बार विवाद हो चुके हैं। इसकी जानकारी झाँसी रेल मंडल से लेकर जोनल मुख्यालय के रेलवे अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर यह लोग ध्यान नहीं दे रहे हैं। बताते हैं कि डीआरएम आशुतोष के निर्देशन में चल रहे झाँसी रेल मंडल की छवि काफी अच्छी बनी हुई हैं, मगर कुछ लोग डीआरएम की छवि धूमिल करने पर उतारु हो हैं। ऐसे मामले में डीआरएम साहब को ध्यान देना होगा।

Shashi kant gautam

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