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Meerut: उत्तर प्रदेश परिवहन के कल पुर्जो की कमी से रोड पर प्राइवेट बसों की संख्या बढ़ी, कमी होगी जल्द दूर
Meerut News: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें कल पुर्जों के अभाव से जूझ रही हैं। यही वजह कि यात्रियों को रूट पर बसें मिल नहीं रही हैं।
Meerut News Today: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसें कल पुर्जों के अभाव से जूझ रही हैं। यही वजह कि यात्रियों को रूट पर बसें मिल नहीं रही हैं। यही नही जो बसें रुट पर हैं भी उनकी हालत बहुत जर्जर हैं। अब तो विपक्ष भी रोडवेज की बसों के बहाने प्रदेश पर तंज कसने लगा है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यात्रियों द्वारा रोडवेज बस को धक्का लगाते हुए एक तस्वीर पोस्ट की है। उन्होंने अपने ट्वीटर पर लिखा कि यूपी रोडवेज की बसों का ख़स्ता हाल भी उप्र की भाजपा सरकार जैसा है जो तथाकथित 'डबल इंजन' की सरकार होते हुए भी विकास के मार्ग पर चल नहीं पा रही है।
अखिलेश ने बसों को धक्का लगाने वाले यात्रियों को लेकर तंज कसा है। अध्यक्ष ने कहा कि धक्का लगाने वाले यात्री कह रहे हैं… धक्का लगाने के नाम पर महंगी टिकटों में थोड़ा डिस्काउंट तो मिलना चाहिए। निगम सूत्रों की मानें तो कल पुर्जों की कमी के वजह से मेरठ सहित पूरे प्रदेश की एक हजार से अधिक उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (यूपी रोडवेज) की बसें पिछले कई दिनों से चल नही पा रही हैं, जिससे कई रूटों पर बस के संख्या में कमी हो गई है।
खास बात यह है कि इन बसों में तमाम ऐसी बसें हैं जिनमें सिर्फ 500 से लेकर 1000 रुपये तक ही मेंटेनेंस पर खर्च होने हैं, लेकिन इतना भी पैसा वर्कशॉप को नहीं दिया जा रहा है। मेरठ समेत प्रदेशभर की कार्यशालाओं की यही स्थिति है। कल पुर्जोकी कमी की वजह से साधारण रूट पर बसों की कमी हो रही है। इससे रोजाना सफर करने वाले यात्री परेशान है।
यूपी रोडवेज के एमडी संजय कुमार ने आज न्यूजट्रैक से बातचीत में रोडवेज में बसों के कल पुर्जों की कमी तो स्वीकार की है लेकिन उनका दावा है कि एक सप्ताह में बहुत जल्द इस समस्या का निराकरण करा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी क्षेत्रों से कल पुर्जों की सूचना मांगी गई है। एक-दो दिन में रिपोर्ट मिल जाएगी। फिर हम आवश्यकतानुसार सभी क्षेत्रों को उनकी आवश्यकतानुसार कल पुर्जों को उपलब्ध कराएंगे।
एमडी संजय कुमार के अनुसार हम आरएम और एआरएम को कलपुर्जो की खरीद-फरोख्त का अधिकार दे रहे हैं। ताकि आरएम और एआरएम अपनी आवश्यकतानुसार कलपुर्जो की खरीद फरोख्त कर सकें। एमडी संजय कुमार के अनुसार परिवहन निगम जर्जर बसों को निगम के बस बेड़े से बाहर कर उनके स्थान पर नई बसें खरीदेगा। इसके लिए धन की व्यवस्था की जा रही है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूपी की आम जनता के जीवन में बहुत अधिक महत्व रखता है। विशेषकर बस. निजी यात्री वाहन जहां अधिक पैसे लेते हैं। वही रोडवेज बस से कम पैसों में ही यात्रियों को उनके ठिकानों पर छोड़ देती है पर आज यूपी के कई रूट पर रोडवेज बसों की कमी से हालत खराब है। प्रदेश की बात करें तो करीब तीन हजार बसें चलन से बाहर हैं। इनमे मेरठ क्षेत्र की भी कई बसें शामिल हैं। इन बसों के साधारण कलपुर्जों की सर्विस ना होने की वजह से खड़ी होकर धूल खा रही है।
ऐसा नहीं है कि इन सभी बसों को फिर से ठीक करने में भारी भरकम पैसा खर्चा करना है. चलन से बाहर हुई बसों में साधारण समस्याएं हैं। जैसे किसी में टायर नहीं है, तो किसी में बैटरी नहीं है. कुछ बसों में तो इतने मामूली कलपुर्जों की सर्विस कमी है. जिस को कुछ समय में ही ठीक करके यात्रियों के लिए फिर से शुरू किया जा सकता है। मेरठ की बात की जाए तो बसों की कमी की वजह से मेरठ से दिल्ली, बिजनौर,नजीबाबाद, हरिद्वार,देहरादून रूट पर बसों की कमी से यात्री परेशान है।