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Indian Railway: भारतीय रेलवे का बड़ा कदम, मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस 25 मई से 3 जून तक रद्द
Indian Railway: भारतीय रेलवे ने मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस को रद्द किया है।
मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस फिर हुई रद्द (Social media)
Meerut Lucknow Rajyarani Express canceled: मेरठ-लखनऊ राज्यरानी एक्सप्रेस (Meerut Lucknow Rajyarani Express) कल से नही चलेगी। रेल प्रशासन (Railway Administration) द्वारा इसको 25 मई से तीन जून तक और लखनऊ से मेरठ के बीच 24 मई से दो जून तक राज्यरानी को रद किया गया है। इसकी जानकारी आज उत्तर रेलवे के मुरादाबाद के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (डीसीएम) कोचिंग सुधीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि ट्रेन नंबर-22453 लखनऊ-मेरठ राज्यरानी एक्सप्रेस 24 मई से दो जून तक रद रहेगी। वहीं ट्रेन नंबर-22454 मेरठ-लखनऊ राज्यरानी 25 मई से तीन जून निरस्त रहेगी।
25 मई से 3 जून तक राज्यरानी एक्सप्रेस रद्द
इधर,मेरठ सिटी स्टेशन अधीक्षक आरपी सिंह ने बताया कि 25 मई से तीन जून तक राज्यरानी एक्सप्रेस में हुए आरक्षण को निरस्त कर यात्रियों को उनके पैसे रिफंड कराए जाएंगे। आर पी सिंह का कहना है कि कोयले की आपूर्ति सुचारु रूप से हो इसलिए इस ट्रेन को रद्द किया गया है। उनके मुताबिक ज्यादा से ज्यादा कोयला थर्मल प्लांट पहुंचाया जाए इसे ध्यान में रखते हुए राज्यरानी ट्रेन को दो जून तक के लिए रद्द किया गया है। बता दें कि इससे पूर्व २९ अप्रैल को राज्यरानी एक्सप्रेस को अनिश्चित काल के लिए रद्द किया गया था।
इस ट्रेन के रद्द होने से मेरठ से लखनऊ जाने वाली सिर्फ एक ट्रेन नौचंदी एक्सप्रेस ही बचती है। गौरतलब है कि राज्यरानी ऐसी ट्रेन हैं जो दिन में चलती है और ये ज्यादातर सिटिंग ट्रेन ही है। ये ट्रेन अलग अलग स्टेशन में रुकते हुए लखनऊ पहुंचती है। हापुड़ मुरादाबाद रामपुर बरेली अमरोहा शाहजहांपुर सहित लखनऊ के यात्रियों के लिए अब ख़ासी मुश्किल होने वाली है। आमतौर पर लोकल पैसेंजर इस ट्रेन में ज्यादा होते हैं।
भारतीय रेलवे का बड़ा कदम
दरअसल,कोयले की कमी को लेकर गहराते संकट के बीच, भारतीय रेलवे बड़ा कदम उठा रही है। दरअसल बिजली की मांग में भारी वृद्धि के कारण कोयले की आवश्यकता भी बढ़ गई है, इसके लिए भारतीय रेलवे को पिछले कुछ हफ्तों में रोजाना करीब 16 मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ताकि देश भर में स्थित बिजली संयंत्रों के लिए कोयला ले जाने वाली ट्रेनों को अतिरिक्त रास्ता दिया जा सके।