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Meerut Nagar Nigam Ward No.25: मेरठ नगर निगम वार्ड 25 की पार्षद रंगीता सिंह,जनता का अपार प्यार और समर्थन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है
Meerut Nagar Nigam Ward No.25 Parshad: मेरठ नगर निगम वार्ड 25 की पार्षद रंगीता सिंह ने कहा कि जनता का अपार प्यार और समर्थन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
Meerut Nagar Nigam Ward No.25 Parshad: करीब 40 वर्षीय रंगीता सिंह के नगर निगम के पिछले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में सबसे अधिक मतों से जीत कर वार्ड-25 से पार्षद बनी थी। उन्होंने भाजपा के उम्मीदवार को दो हजार से अधिक मतों से पराजित कर नगर निगम की राजनीति में सनसनी फैला दी थी। इस वार्ड में 47.35 फीसदी मतदान हुआ था। जिसमें रंगीता सिंह को कुल 53.99 वोट प्राप्त हुए थे। न्यूजट्रैक से बातचीत में रंगीता सिंह कहती हैं,"जब मैं पहली बार इस वार्ड की पार्षद चुनी गई थी उस समय करीब 40 हजार की आबादी वाले इस वार्ड के लोगों की बेशुमार दिक्कतें थीं। जिनका मैने समाधान कराने में रात-दिन एक कर दिया।"
रंगीता सिंह कहती हैं," मेरे द्वारा कराए गए विकास कार्यो की बहुत लंबी फेहरिस्त है। मैं करीब 7-8 करोड़ रुपये के विकास कार्य अपने पांच साल के कार्यकाल में करा चुकी हूं। इनमें डेढ़ करोड़ रुपये के बजट में रोहटा रोड पर ऑन रोड साइट पटरी लगवाई है। रोहटा का ही नाला बनवाया है एक करोड़ 20 लाख रुपये में हमने। फाजलपुर में जो मुख्य मार्ग है लगभग में 65 लाख रुपये में यहां रास्ता बनवाया। फाजलपुर का ही मुख्य मार्ग का 63 लाख रूपये का नाला बनवाया।"
एक पार्षद के रूप में क्या आपके सामने कभी कोई ऐसा मामला आया है जिसे हल करना मुश्किल था? इस सवाल पर रंगीता सिंह कहती हैं,-हॉ,एक-दो काम ऐसे रहे हैं जिनके लिए प्रयास तो बहुत किये लेकिन हो नही पाए। जैसे, फाजलपुर में तालाब का सौन्दर्यकरण कराना था, वह नही करा सके। दूसरा मलिन बस्तियों के थोड़े काम रह गए हैं, जो कि डूडा से कराए जाने थे। आप अपना रोल मॉडल किसे मानती हैं। इसके जवाब में रंगीता सिंह तनिक रुक कर कहती हैं,वैसे रोल मॉडल तो सरदार भगत सिंह हैं। विचार धारा चौधरी चरण सिंह की मानती हूं। जनता आप से कब मिल सकती है। इस सवाल पर रंगीता सिंह कहती है। रोजाना सुबह 8 बजे से 11 बजे तक और शाम 4 बजे से 6 बजे तक मैं और मेरे पति दोंनो क्षेत्रीय जनता से मिलते हैं।
वार्ड में पानी और सीवेज व्यवस्था की स्थिति पूछे जाने पर रंगीता सिंह कहती है,-सीवेज व्ययवस्था तो हमारे यहां पर हैं ही नही। पानी की सप्लाई टंकी से होती है। प्राइमरी स्कूल एक है,जिसकी दशा बहुत खराब है। 60-70 साल पुराने इस स्कूल की इमारत जर्जर हो चुकी है। इसकी छत कभी भी गिर सकती है। इसमें सुधार के लिए शिक्षा विभाग के स्थानीय अफसरों के साथ ही प्रशासनिक अफसरों से भी खूब पत्राचार किया। लेकिन कामयाबी नही मिली। इसमें हमने अपने खर्चे पर बहुत काम कराए हैं। जिसमें बच्चों की परेशानी को देखते हुए सबमर्सिबल लगवाना शामिल है।
भविष्य का प्लान पूछे जाने पर तपाक से रंगीता कहती है,-हम फिर चुनाव लड़ेगे। किस पार्टी से लड़ेंगे यह तो नही कह सकते,लेकिन यदि टिकट नही मिला तो हम एक बार फिर निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। लड़ेंगे ही नही बल्कि फिर से जीतेंगे। क्योंकि क्षेत्र की जनता का हमें अपार समर्थन प्राप्त है। पिछली बार भी मैं नगर निगम में सबसे अधिक मतों से जीती थी। जनता का यह प्यार और समर्तन ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।